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भजन गायक अनूप जलोटा व रोनू मजूमदार की जुगलबन्दी को प्रांशुल चतुरलाल के तबले की संगत मिली तो संगीतमयी शाम हुई रोशन

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23 Feb 25
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भजन गायक अनूप जलोटा व रोनू मजूमदार की जुगलबन्दी को प्रांशुल चतुरलाल के तबले की संगत मिली तो संगीतमयी शाम हुई रोशन

 
भजन सम्राट अनूप जलोटा के ऐसी लागी लगन... व अच्युत्तम केशवम के भजनों में खोयें श्रोता
उदयपुर। तबला जादूगर पं. चतुरलाल मेमोरियल सोसायटी एवं हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सहयोग से 23 फरवरी रविवार को आज शिल्पग्राम में रजत जयन्ती स्मृतियंा-2025 कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें भजन गायक पद्मश्री अनूप जलोटा,रोनू मजूमदार की जुगलबन्दी को तबला उस्ताद प्रंाशुल चतुरलाल की संगत मिलने से कार्यक्रम में चार चांद लग गये।  




इस अवसर पर भारत के दो सबसे प्रतिष्ठित कलाकार पद्मश्री पुरस्कार विजेता भजन सम्राट अनुप जलोटा और बांसुरी वादक पंडित रोनू मजूमदार की अविस्मरणीय राग यमन जुगलबन्दी ने संगीतमयी रात को मंत्रमुग्ध कर दिया। अनूप जलोटा ने अपनी प्रस्तुति में सदाबहार भजन ऐसी लागी लगन,मींरा हो गयी मगन....,कांशी,अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है...राम खड़े है लिये तीर धनुष, अब बंसी बजने वाली है..., की तान छेड़ी तो दर्शक देर तक तालियों की दाद देते रहे। इसके बाद उन्होंने अच्युतम केशवम भजन को अपने सुर दिये तो श्रोता उसी में खो गये। खचाखच भरे मुक्ताकाशी मंच पर अनूूप जलोटा के हारमोनियम पर भजन गाते चली अंगुलिया व रोनू मजूमदार की बांसुरी की राग यमन जुगलबन्दी को सुनकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो कर एकटक लगाये उसी में खो गये। इससे पूर्व कार्यक्रम का आगाज जिंक टेलेन्ट हंट की विजेता नीलंाशी शर्मा की राग मिश्रकाफी व पीलू में प्रस्तुत की गयी ठुमरी से हुआ। नीलांशी ने होली से संबंधित होली आयी रे,पिया जी के देश... और ठुमरी बरसन लागी.... की मधुर आवाज में प्रस्तुति दी तो दर्शक भी तालियों की दाद देने मंे पीछे नहीं रहे।
इसके बाद मूलतः उत्तराखंड हाल दिल्ली निवासी वसुन्धरा रतुड़ी ने अपना गायन प्रस्तुत किया। जिसमें उन्होंने राग बागेश्री में दो बंदिशे बोल पार करो मोरी नैय्या.. और अरज मोरी मानो तुम...ने कार्यक्रम में संगीत की मिठास धोल दी। वसुन्धरा ने इसके बाद बॉलीवुड गीत ओ सजना बरखा बहार आयी....से अपनी प्रस्तुति का समापन किया। इनके साथ तबले पर संगत प्रांशुल चतुरलाल ने संगत की।  
समारोह में इस वर्ष इकोज़ ऑफ कॉन्टिनेंट्स जापानी सितारवादक तादाओ इशिहामा और भारतीय तबला उस्ताद प्रांशुल चतुरलाल के बीच जुगलबन्दी का एक अद्वितीय तालमेल देखनें को मिला। दोेनों की जुगलबन्दी में राग किरवानी में तीन ताल में विलम्बित दु्रत की प्रस्तुति दी। दोनों ने जुगलबन्दी में किये गये सवाल जवाब ने दर्शकांे को मंत्रमुग्ध कर दिया। तदाओ के साथ तंबले पर पर प्रंाशुल चतुरलाल की अंगुलिया चली तो दर्शकांे को ख्यातनाम तबला सम्राट जाकिर हुसैन की याद आ गयी। प्रंाशुल चतुरलाल ने तबले पर श्रोताओं के साथ सवाल किये तो श्रोताओं ने तालियंा बजा कर उसका जवाब दिया।  
प्रारम्भ में कार्यक्रम का शुभारम्भ वेदंाता हिन्दुतान जिंक लिमिटेड की सीएसआर हेड अनुपम निधि,हिजिलि के सीआईओ चेतन त्रिवेदी,वन्डर सीमेन्ट के पी.पाटीदार एवं पं. चरनजीत चतुरलाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया।पं. चतुरलाल सोसायटी के संस्थापक पं. चरनजीत चतुरलाल एवं मीता चतुरलाल ने बताया कि पं. चतुरलाल की संगीत यात्रा को पिछले 25 वर्षो से जीवित रखा है।  


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