उदयपुर। भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक को नई दिल्ली में आयोजित 5वें टीआईओएल टैक्सेशन पुरस्कार 2024 में ‘5 हजार करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर कॉर्पोरेट’ श्रेणी में कांस्य पदक से सम्मानित किया गया है। टीआईओएल टैक्सेशन पुरस्कार उद्योग अग्रणी मंच है जो कर पारदर्शिता और रिपोर्टिंग में श्रेष्ठ कार्य पद्धति को मान्यता देता है।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार राज्य सभा के माननीय उपसभापति श्री हरिवंश नारायण सिंह और तमिलनाडु के माननीय आईटी एवं डिजिटल सेवा मंत्री डॉ. पी. त्याग राजन द्वारा प्रदान किया गया। इस पुरस्कार हेतु ज्यूरी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. पटनायक और न्यायमूर्ति एस.के. सिंह, पूर्व केंद्रीय राजस्व सचिव तरुण बजाज, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सी.के. मिश्रा, पूर्व सीबीडीटी अध्यक्ष एम.सी. जोशी, बिजनेस स्टैंडर्ड के संपादकीय निदेशक अशोक भट्टाचार्य, पूर्व उपाध्यक्ष आईटीएटी प्रमोद कुमार,, पूर्व सीबीआईसी सदस्य एस.एम. भटनागर, पूर्व भारतीय प्रतिनिधि, संयुक्त राष्ट्र संघ राजदूत अजीत कुमार एवं पूर्व सीबीडीटी अध्यक्ष गिरीश महापात्रा थे। इस अवसर पर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. सी. रंगराजन और डॉ. वाई.वी. रेड्डी, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चैधरी और भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन. वेंकटरमन भी उपस्थित थे।
हिंदुस्तान जिंक राष्ट्र निर्माण के लिए हेतु प्रतिबद्ध है एवं धातु की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बावजूद सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का समर्थन जारी रखे हुए है। कंपनी अपने स्वैच्छिक कर प्रकटीकरण पर गर्व करती है, जो भारत के आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक-आर्थिक कल्याण में इसके योगदान को दर्शाता है अपने कर योगदान की सक्रिय रूप से जानकारी देकर कंपनी आर्थिक विकास में अपनी भूमिका को मजबूत करती है, हितधारकों का विश्वास बनाती है और कॉर्पोरेट प्रशासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखती है।
पुरस्कार प्राप्त करने पर, हिंदुस्तान जिंक के मुख्यकार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने कहा कि, “ टैैक्सेशन देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारी जिम्मेदार कर प्रथाएं उद्योग संवाद को बढ़ाती हैं, और एक कॉर्पोरेट के रूप में, हम अपने कर दृष्टिकोण में शासन और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों का प्रदर्शन करने में गर्व महसूस करते हैं। यह पुरस्कार पारदर्शी कर प्रकटीकरण और रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी संदीप मोदी ने कहा कि, “सस्टेनेबिलिटी और जिम्मेदारी पर जोर देने के साथ वैश्विक व्यापार परिदृश्य विकसित हो रहा है। हिंदुस्तान जिंक ने हमेशा कर पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है, टैक्सेशन कार्य पद्धति और रिपोर्टिंग में उद्योग के अग्रणी मानकों को बनाए रखा है। वित्त वर्ष 2023-24 में, कंपनी ने राजकीय कोष में 13,195 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो इसके कुल राजस्व का लगभग 46 प्रतिशत है। विगत पांच वर्षों में, इसका संचयी योगदान 77,803 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है। कंपनी 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है और भारत में प्राथमिक जस्ता बाजार में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है। हिंदुस्तान जिंक को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 द्वारा धातु और खनन श्रेणी में विश्व की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता दी गई है, अक्षय ऊर्जा के उपयोग से उत्पादित, इकोजेन का कार्बन फुटप्रिंट प्रति टन उत्पादित जिंक के बराबर 1 टन से भी कम है, जो वैश्विक औसत से लगभग 75 प्रतिशत कम है। हिंदुस्तान जिंक एक प्रमाणित 2.41 गुना वाटर-पॉजिटिव कंपनी भी है और 2050 या उससे पहले नेट जीरो उत्सर्जन प्राप्त हेतु प्रतिबद्ध है। धातु और खनन उद्योग में एक विश्व नेता के रूप में, हिंदुस्तान जिंक सस्टेनेबल भविष्य के लिए वैश्विक ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण धातुएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण है।