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हिंदुस्तान जिंक की पहली महिला माइन रेस्क्यू टीम 13वीं अंतर्राष्ट्रीय माइन रेस्क्यू प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी

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13 Sep 24
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हिंदुस्तान जिंक की पहली महिला माइन रेस्क्यू टीम 13वीं अंतर्राष्ट्रीय माइन रेस्क्यू प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी

उदयपुर । देश की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की पहली महिला खदान बचाव टीम 13वीं अंतर्राष्ट्रीय खदान बचाव प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। इंटरनेशनल माइन रेस्क्यू बाॅडी के निर्देशन में, कोलंबिया की राष्ट्रीय खनन एजेंसी द्वारा आयोजित इस वर्ष की प्रतियोगिता में विश्व की 26 से अधिक टीमें शामिल होंगी। हिंदुस्तान जिंक की टीम इस प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने वाली भारत की पहली महिला टीम के रूप में ऐतिहासिक सफलता का प्रतीक है, जो अपने असाधारण बचाव कौशल और विशेषज्ञता का प्रदर्शन करेगी।

प्रतिवर्ष विभिन्न मेजबान देशों में आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता में विभिन्न बचाव अभ्यास और परीक्षण शामिल होते हैं जो महत्वपूर्ण भूमिगत खदान बचाव परिदृश्यों का अनुकरण करते हैं। हिंदुस्तान जिंक ने इस प्रतियोगिता में पूर्व में भी भाग लिया है, लेकिन इस वर्ष सभी महिलाओं की टीम का प्रतिनिधित्व एक नया मील का पत्थर है। सात सदस्यों वाली इस टीम को भारत की पहली भूमिगत खदान बचाव टीम होने का गौरव भी प्राप्त है, जिसमें सभी महिलाएं हैं। यह टीम छह श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जिसमें सांस लेने और न लेने वाले वातावरण में खदान बचाव अभ्यास, प्राथमिक चिकित्सा, खनन बचाव कौशल, उपकरण तकनीशियन परीक्षण और सैद्धांतिक ज्ञान मूल्यांकन शामिल हैं। पुरुष प्रधान धातु और खनन क्षेत्र में विविध और समावेशी कार्यबल को बढ़ावा देकर हिंदुस्तान जिंक खनन क्षेत्र में बदलाव लाने में सबसे अग्रणी है। कंपनी इस क्षेत्र से जुड़े भारी और शारीरिक श्रम की धारणा को तोड़कर तेजी से डिजिटलीकरण और स्वचालन द्वारा संचालित स्थायी और मानकीकृत कार्य अनुभव सुनिश्चित कर रही है। व्यक्तिगत और कार्यक्षेत्र में जीवन के हर चरण में महिलाओं को अवसर एवं आगे बढ़ने में सहयोग करने की कंपनी की प्रतिबद्धता ने करियर को आगे बढ़ाने वाली पहलों ने मुख्य खनन कार्यों में करियर के लिए हिंदुस्तान जिंक को चुनने वाली महिला प्रोफेशनल की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकार अरुण मिश्रा ने कहा कि, महिला भूमिगत खदान बचाव टीम पर हमें गर्व है, जो विश्वपटल पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। यह न केवल हिंदुस्तान जिंक बल्कि देश के लिए भी गर्व का क्षण है। उनकी भागीदारी लैंगिक विविधता और समानता के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो सभी स्तरों पर समान प्रतिनिधित्व और अवसर सुनिश्चित करती है। इस टीम की यात्रा हमारे कार्यबल के हर पहलू में महिलाओं के सशक्तिरण और विशेषज्ञता का उदाहरण है, और हमें विश्वास है कि वैश्विक मंच पर हमारी टीम अन्य महिलाओं को ऐसे क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।

प्रतियोगिता की शुरुआत में अपना उत्साह साझा करते हुए, खान बचाव दल की सदस्य और भारत की पहली भूमिगत महिला खान प्रबंधक संध्या रसकतला ने कहा, हिंदुस्तान जिंक में सीखने के अंतहीन अवसरों ने मुझे अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाया है और यह प्रतियोगिता मुझे सर्वश्रेष्ठ टीमों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का मौका देगी।”

टीम की सदस्य संध्या सिंह ने कहा, “मैं इस प्रतियोगिता में भाग लेने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए बहुत उत्साहित हूं। यह आयोजन बचाव कार्यों में मेरे कौशल को बढ़ाएगा। मैं हिंदुस्तान जिंक की उद्योग-प्रथम पहलों के लिए आभारी हूं, जिसने खनन में महिलाओं के लिए नए सीखने के अवसर और विकास की संभावनाएं दी हैं।”

प्रतियोगिता जेण्डर न्यूट्रल फ्रेमवर्क वाले परिदृश्यों के माध्यम से बचाव टीमों के व्यावहारिक और तकनीकी कौशल का परीक्षण करने के लिए जानी जाती है। निरंतर प्रशिक्षण, सुरक्षा तैयारी और नवाचार में हिंदुस्तान जिंक के निवेश ने इस टीम को उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के सक्षम बनाया है। इस टीम की भागीदारी न केवल भूमिगत खनन में कंपनी के नेतृत्व को रेखांकित करती है बल्कि सभी कार्यों में समावेशिता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के अपने दृष्टिकोण को भी दर्शाती है यह विश्वास उनके कार्यबल में परिलक्षित होता है, जिसमें कार्यकारी भूमिकाओं में लगभग 22 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व और कार्यकारी पदों पर उल्लेखनीय 54 प्रतिश्त महिला इंजीनियर हैं। हिंदुस्तान जिंक सभी आयामों में विविधता को बढ़ावा देने में अग्रणी बना हुआ है और इसने सभी कार्यकारी और प्रबंधन भूमिकाओं में 30 प्रतिशत विविधता हासिल करने और बनाए रखने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।


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