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असुविधाओं को चुनौती और सुखद क्षेत्र से बाहर आ कर कुछ नया करने में विश्वास रखें - प्रिया अग्रवाल हेब्बर

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21 Jul 24
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असुविधाओं को चुनौती और सुखद क्षेत्र से बाहर आ कर कुछ नया करने में विश्वास रखें - प्रिया अग्रवाल हेब्बर

उदयपुर, जीवन की असुविधाओं को चुनौती के रूप में लें, सुखद क्षेत्र से बाहर आकर कुछ नया करने में विश्वास रखें तो सफलता आपके कदमों में होगी यह बात देश की सबसे बड़ी और विश्व की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने भारतीय प्रबंधन संस्थान उदयपुर के दीक्षांत समारोह कही। मुख्य अतिथि के रूप में स्नातक छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, सामान्य से अलग करने के लिये स्वयं को प्रेरित करंे, हर समस्या को हल करने, कठिनाईयों को सकारात्मक हां में बदलें। जीवन को संवारने के लिये स्वयं के अनुभवों का पूरा लाभ उठाना होगा ताकि युवाओं का भविष्य सुखद बन सके। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों से बातचीत करते हुए, अपने अनुभव साझा किए।

वर्किंग एक्जीक्यूटिव्स के लिए बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, 2024 के स्नातक वर्ग को अपने प्रेरक संबोधन में, हेब्बर ने इस बात पर जोर दिया कि असुविधा, जीवन की दिशा और उससे मिलने वाले मूल्यवान सबक पर विश्वास रखें। प्रिया अग्रवाल हेब्बर हिंदुस्तान जिंक की चेयरपर्सन एवं वेदांता लिमिटेड में गैर-कार्यकारी निदेशक हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित विश्व विद्यालय के स्नातक विद्यार्थियों को जीवन के हर अनुभव को अंगीकार कर यह सुनिश्चित करना होगा कि वे किसी भी परिस्थिति में सफल होंगे। उन्होंने स्वंय का उदाहरण देते हुए कहा कि पुरूष प्रधान औद्योगिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिये वे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, उनकी व्यावसायिक सूझबूझ के फलस्वरूप हिन्दुस्तान जिंक और वेदांता के इएसजी में परिवर्तन मंे महत्वपूर्ण कार्य हो रहे है। वे डीकार्बोनाजेशन, जल सकारात्मकता, कार्य स्थल की सुरक्षा, सामुदायिक कल्याण, कार्यबल विविधता पर केंद्रीत कार्ययोजनाओं के साथ ही वेदांता को इएसजी में एक उद्योग कुशल नेतृत्व देने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक निरंतर सिखने, विकास और कौशल वृद्धि में निवेश कर प्रतिभाओं को तराशने का कार्य कर रहा है, साथ ही अपने कर्मचारियों को उनकी पूरी क्षमता के साथ विकसित कर सक्षम बना रहा है। इन प्रयासों के माध्यम से हिन्दुस्तान जिंक अपनी प्रतिभाओं की क्षमताओं को मजबूत करते हुए उद्योग में प्रतिस्पर्धात्मक बढत के साथ सतत् विकास सुनिश्चित कर रहा है।

प्रिया अग्रवाल ने कहा कि आईआईएम उदयपुर में वर्किंग एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम के लिये बिजनिस एडमिनिस्ट्रेशन मंे स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रबंधन की दृष्टि से एक ठोस आधार बनाने के लिये डिजाईन किया गया है, जो वैकल्पिक पाठ्यकक्रम चुनने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि उदयपुर का आईआईएम दूसरी पीढी का ऐसा संस्थान है, जिसका उद्देश्य शिक्षण व अनुसंधान दोनों में उत्कृष्ठता के साथ प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादन कंपनी है जो अपना कीर्तिमान बनाये हुए है।


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