उदयपुर, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने दिल्ली में 43वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर 2024 के माइंस पैवेलियन में अपने तकनीकी रूप से उन्नत खनन परिचालन का प्रदर्शन किया। वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में भारत के विकास में कंपनी के महत्वपूर्ण योगदान और सतत विकास के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को उजागर करने के लिए यह मंच प्रदान किया गया। इस 14 दिवसीय आयोजन के दौरान, कई गणमान्य व्यक्ति और विभिन्न विभागों के मंत्री हिंदुस्तान जिंक की प्रदर्शनी से प्रभावित हुए। विशेष रूप से जी किशन रेड्डी, माननीय केंद्रीय कोयला और खान मंत्री, वीएल कांता राव, सचिव, खान मंत्रालय और संजय लोहिया, अतिरिक्त सचिव, खान मंत्रालय ने स्टाल का दौरा किया और कंपनी के उच्च गुणवत्ता वाले जिंक उत्पादों की जानकारी ली। इंजीनियर, खनन उत्साही और विद्यार्थी कंपनी के शोकेस में आकर्षित हुए, जहां उन्होंने आकर्षक प्रदर्शनों और मॉडल खनन उपकरणों के माध्यम से संपूर्ण खनन प्रक्रिया का व्यापक प्रदर्शन देखा। उन्हें खनन के प्रति कंपनी के डिजिटल-फर्स्ट और तकनीकी रूप से विकसित दृष्टिकोण का अनुभव करने और समझने का भी मौका मिला। प्रमुख आकर्षण मंडप का अनुभव क्षेत्र था, जिसमें एक अत्याधुनिक वीआर सिम्युलेटर था, जो हिंदुस्तान जिंक द्वारा अपनी तरह का पहला है जिसे खनन संचालकों को प्रशिक्षित करने के लिए डिजाइन किया गया। यह सिम्युलेटर उन्हें विविध भूमिगत परिस्थितियों के लिए तैयार करता है, जो सुरक्षा बढ़ाने और पूरे कारोबार में स्मार्ट, कुशल संचालन को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
स्पैलेराइट, जिं़क अयस्क और गैलेना, लेड एवं सिल्वर अयस्क के नमूने, ने आम जन को खास तौर पर मोहित किया, साथ ही कंपनी के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद जैसे विशेष उच्च श्रेणी जिं़क, विभिन्न मिश्र धातु और इकोजेन - एशिया का पहला कम कार्बन ग्रीन जिं़क कंपनी के स्टॉल पर प्रदर्शित किए गए। उल्लेखनीय आकर्षण जिंक रिटॉर्ट्स का प्रदर्शन था, जिंक के आसवन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उल्टे मिट्टी के बर्तन, 2,500 साल पुराने, जो जावर, राजस्थान के लिए अद्वितीय थे, जहां कंपनी भी संचालन करती है। स्टाॅल में स्थानीय स्तर पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित नमकीन, अचार, घी, शहद और परिधान शामिल थे। कंपनी सामुदायिक कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और स्थायी आजीविका पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जिससे 237 गांवों में 20 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो रहे है।