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देश के भविष्य को शिक्षा के अवसरों से दिशा दिखाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा हिन्दुस्तान जिं़क

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14 Nov 24
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देश के भविष्य को शिक्षा के अवसरों से दिशा दिखाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा हिन्दुस्तान जिं़क

हिन्दुस्तान जिं़क द्वारा बच्चों के समग्र विकास के लिये बाल विकास परियोजना का संचालन कर रहा है जिसके तहत् प्रदेश के पांच जिलों उदयपुर, सलूंबर, राजसमंद और चित्तौडगढ़, में 14 आगंनवाडी केंद्रों में आईसीडीएस विभाग के साथ मिलकर बच्चों के सर्वागींण विकास हेतु कार्य किया जा रहा है। परियोजना के तहत आंगनवाडी केन्द्रों पर समेकित बाल विकास योजना द्वारा प्रदत्त सभी 6 मुख्य सेवाओं को मजबूत करना है, जिसमे पोषक तत्वो से पूर्ण पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाना, शाला पूर्व शिक्षा का सुचारू क्रियान्वयन, रेफरल सुविधाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता को बेहतर बनाते हुए समुदाय की भागीदारी को बढ़ाना और बुनियादी निर्माण में सहयोग करना है।

हिंदुस्तान जिंक ने प्रदेश के 15 जिलों में 3292 आंगनवाडी केन्द्रों को क्रमोन्नत करते हुए उन्हें डिजिटल लर्निंग केंद्र के रूप में बदल दिया। इन्हें नन्दघर नाम दिया गया. एक आदर्श नन्दघर में बच्चों के लिए ढेर सारे खिलौने, -लर्निंग के लिए स्मार्ट टीवी, साफ पेयजल के लिए आर , बाल अनुरूप शौचालय, बाल सुलभ चित्रकारी, बिजली सहित सुरक्षित माहौल दिया गया। बच्चों और समुदाय का केंद्र से लगाव बढ़ाया और परिजनों ने निजी स्कूलों से बच्चों को वापस केंद्र भेजना शुरू किया। आज नन्दघर बच्चों के प्री स्कूल बनकर उभरे हैं।

शैक्षिक और खेलों के विकास पर बल

कंपनी के शिक्षा संबल कार्यक्रम के तहत् विज्ञान, गणित और अंग्रेजी विषयों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है। वर्तमान में 72 राजकीय विद्यालयों में 8 हजार से अधिक विद्यार्थी इससे लाभान्तिव हो रहे है इससे कार्यक्रम से विद्यालयों के बोर्ड परिणाम में भी सुधार हुआ हैं। शिक्षा संबल परियोजना में विगत 7 वर्षो में 55 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हुए है। उंची उड़ान कार्यकम में शिक्षा संबल की नींव पर, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को राष्ट्रीय ख्यातिनाम इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश करने का अवसर प्रदान करन की कोचिंग दी जाती है अब तक, 300 से अधिक छात्र इस कार्यक्रम से जुड़े हैं, जो कि जेईई परीक्षा में शामिल हुए है। अब तक 6 बैच के विद्यार्थियों को राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की सफलता हांसिल हुई है एवं वर्तमान में 3 बैच संचालित है। हिंदुस्तान जिंक का मानना है कि बच्चों के समावेशी विकास के लिए उनके विकास के लिए समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए राजस्थान में एक बड़ी पहल जिंक फुटबॉल अकादमी की शुरूआत की है, जो फुटबाॅल खेल प्रतिभाओं का निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जिं़क फुटबाॅल एकेडमी से अब तक 350 विद्यार्थी लाभान्वित हो कर प्रदेश और देश में फुटबाॅल के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है।

सभी के लिए समान अवसर

हिंदुस्तान जिंक ने हमेशा से सभी छात्रों के लिए बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने की प्रतिबद्धता को पूरा किया है। जीवन तरंग कार्यक्रम से विगत 7 वर्षो में 900 से अधिक बच्चों को लाभ मिला है। जो कि दिव्यांग बच्चों और वयस्कों को उनके परिवारों में योगदान देने योग्य बनने के लिए प्रोत्साहित करता है। उनकी शैक्षिक मांगों को पूरा करके, हिंदुस्तान जिंक ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जीवन तरंग परियोजना के माध्यम से, उन्होंने, साथ ही उनके प्रशिक्षकों और माता-पिता ने, सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिससे आज वें समाज की मुख्यधारा का हिस्सा है।

राजकीय विद्यालयों के विकास में योगदान

राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गणित, अंगे्रजी, विज्ञान विषयाध्यापकों की अतिरिक्त व्यवस्था, विद्यालयों का जीर्णोद्धार, छात्राओं को रिंगस महाविद्यालय में उच्च शिक्षा हेतु सहयोग, पुस्तकालय प्रयोगशाला हेतु फर्नीचर एवं सुरक्षा उपकरण, अध्यापको के अध्ययन हेतु पुस्तकें एवं अध्ययन सामग्री, राजकीय अध्यापको हेतु कार्यशाला, ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर, शिक्षा संबंल के अन्तर्गत नियुक्त किये गये अध्यापकों का आमुखीकरण प्रशिक्षण, बाल कल्याण केन्द्र के छात्र छात्राओं को शुद्ध पेयजल, गणवेश वितरण, जिला एवं ब्लाॅक स्तरीय खेलकुद प्रतियोगिताओं में सहयोग, ब्लाॅक स्तरीय विज्ञान मेले में आर्थिक सहयोग, अलग-अलग राजकीय विद्यालयों में कक्षा-कक्षांे का निर्माण, बालिकाओं एवं बालकों के लिए शौचालय का निर्माण, ट्युबवेल लगवाने का कार्य, ग्रिन बोर्ड उपलब्ध कराना, विद्यालयों की छतों पर वाटर प्रुफींग का कार्य, भुमीगत टेंक का निर्माण हेतु सहयोग दे कर शैक्षिक उन्नयन किया जा रहा है।

हिंदुस्तान जिंक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में संचालन क्षेत्र के आस पास रहने वाले ग्रामीण और आदिवासी लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार कार्यरत है। कंपनी भारत में शीर्ष 10 सीएसआर व्यय करने वालों में से है और वर्तमान में राजस्थान और उत्तराखंड के 3700 गांवो में 20 लाख लोग लाभान्वित हो रहे है।

 
 

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