विक्रांत यूनिवर्सिटी ग्वालियर के फैकल्टी ऑफ फार्मेसी द्वारा "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पावर्ड ड्रग डिस्कवरी: शेपिंग द फ्यूचर ऑफ द फार्मा इंडस्ट्री" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य फार्मा उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग और उसके संभावित लाभों पर गहन चर्चा करना था।
कार्यशाला के शुभारंभ में विक्रांत यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री राकेश सिंह राठौड़ ने फार्मेसी विभाग और आयोजकों को शुभकामनाएं दी और कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों और शिक्षकों के लिए नए ज्ञान का स्रोत बनेंगे और फार्मा उद्योग के भविष्य को आकार देंगे।
कार्यशाला में विक्रांत यूनिवर्सिटी और मॉडर्न कॉलेज ऑफ फार्मेसी इंदौर के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के तहत दोनों संस्थानों के बीच शोध और अकादमिक सहयोग बढ़ेगा। विक्रांत यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने कहा कि यह समझौता फार्मेसी विभाग को शोध के क्षेत्र में मजबूती प्रदान करेगा।
मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. (डॉ.) नीतेश के. जैन ने फार्माकोलॉजी और विष विज्ञान में AI के उपयोग पर प्रकाश डाला और बताया कि AI दवाओं के विकास को गति देगा और मरीज़ों के इलाज में सुधार होगा।
कार्यशाला के संयोजक डॉ. सुबोध के. दुबे और आयोजन सचिव श्री अंकुर अग्रवाल ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के प्रोफेसरों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।