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18 वां गणिनी पदारोहण समारोह कल

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28 Apr 25
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18 वां गणिनी पदारोहण समारोह कल

उदयपुर। राष्ट्र संत गणिनी आर्यिका सुप्रकाशमति माताजी का 18वंा गणिनि पद आरोहन एवं अक्षय त्रतिया महोत्सव बलीचा स्थित ध्यानोदय तीर्थ पर धूमधाम से मनाया जायेगा।
ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि राष्ट्र संत कई उपसर्ग की विजेता बाल योगिनी गुरु माँ गणिनि आर्यिका 105 सुप्रकाशमति माताजी का 18वा गणिनि पद पर आरोहन दिवस एवं जैन धर्म के प्रवर्तक प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान का प्रथम साधु जीवन में आहार इक्षु रस का अक्षय तृतीय को हुआ था। ऐसे में दोनों आयोजन को सयुंक्त रूप में 30 अप्रेल 2025 को प्रातः 6बजे से ध्यानोदय तीर्थ बालीचा में सुप्रकाश मति माताजी के सानिध्य मे मनाया जायगा।
उन्होंने बताया कि जिसमें प्रथम आदिनाथ प्रभु पर 108 गन्ने के रस का’ अभिषेक होगा और तत्पश्चात गन्ने की ही महाशांति धारा होंगी। उसके बाद 18वें गणिनी आर्यिका का पूजन होगा जिसमें गुरु माँ के 18 विभिन्न रस से’ चरण रज अभिषेक किया जायेगा। जिसका पुण्यार्जक खूबीलाल चित्तोड़ा आयड़ होंगे। विभिन्न 18 द्रव्य से 18 इंद्र द्वारा भव्य पूजन एवं गुरु माँ की महाआरती होगी एवं माताजी को बादामी लाल चित्तोडा द्वारा वस्त्र प्रदान किये जायेंगे। इक्षु रस के पुण्याथी ओम प्रकाश गोदावत होंगे।
आर्यिका सुगीतमति ने कहा कि गुरु माँ सुप्रकाश माँ जो कि मात्र 13 वर्ष मंे एक छोटे से गांव कुंडलगढ़ से घर छोड़ कर दीक्षा लेली और आज करीब 43 वर्ष दीक्षा को हो गये है। उनके गुरु आचार्य अभिनन्दन दया सागर थे। उन्हें पोदनपुर मंे दीक्षा प्रदान की। गुरु माँ की ज्ञान की उच्च अध्ययन को देख्ग्ते हुए आज से 18वर्ष पूर्व शेष पुर मोड़ पर आचार्य अभिनन्दन सागर महाराज ने जैन आर्यिका का सर्वाेच्च पद ’गणिनी’ प्रदान किया, जो कि आर्यिका समूह का संचालक होता है। संघष्ठ साध्वी सुहितमति ने कहा कि गुरु माँ ने इन 43 वर्ष में पूरे भारत को 3 बार पद विहार करते हुए करीब 75000 किलोमीटर की यात्रा कर 121 सम्मेद शिखर जो कि झारखण्ड पहाड़ वंदना 511 श्रवण बेलगोला कर्नाटक वंदना एवं कई मंदिर का जीर्णाेद्धार, कई नए तीर्थ एवं अनेक मनुष्य को मांसाहार का त्याग करवा कर धर्म की और बढ़ाई है।
आज गुरु माँ ने अपेन प्रवचन में कहा कि मनुष्य जीवन मे कुछ ऐसा कर जाओ कि आप का जन्म लेना सार्थक हो वरना कई जन्में और मरण को भी प्राप्त हो गये लेकिन क्या उनको कोई याद करता है नहीं, क्यों, क्योंकि उन्होंने कुछ समाज राष्ट्र सेवा धर्म सेवा मंे नहीं किया।
उन्होंने कहा कि आपको यह दिशा ही आपको ऊंचा उठा पाएगी। कैसे ऊपर उठो तो उसका सूत्र है स्वयं कि नाम की लालसा, स्वयं के बारें में सोचना छोड़िये और देश धर्म राष्ट्र के बारंे में सोचिये, फिर आपका कार्य का दायरा बढ़ता जायगा।
उदयपुर शाखा अध्यक्ष सुरेश डागरिया ने कहा कि गुरु माँ के इस 18वे पद महोतश्व का आयोजन अखिल भारतीय सुप्रकाश ज्योति मंच की ओर से किया जा रहा है। प्रवक्ता विपिन जैन ने बताया कि इक्षु रस के कलसो के लिये लोग बढ़ चढ़ कर पंजीकरण करवा रहे है। मनोज पाटनी अरविन्द जैन अनिल डोटिया गुनभद्र जैन आदि कई युवा इस आयोजन को याद गार बनाने का प्रयास कर रहे है।


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