उदयपुर, भारतीय इतिहास संकलन समिति, राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री छगनलाल बोहरा ने हाल ही में हुए मजहबी हमलों को लेकर कड़ा बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति से उसका खतना हुआ या नहीं और उसने कलमा पढ़ा या नहीं, यह पूछकर गोली मार देना क्या मजहबी जिहाद नहीं है? क्या यह हिन्दुओं को लक्षित कर उन्हें रक्तरंजित करने का प्रयास नहीं है?
बोहरा ने कहा कि पिछले 1300 वर्षों से हिन्दू समाज को मजहबी हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है और कश्मीर से हिन्दुओं का विस्थापन इसका ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यदि हिन्दू समाज प्रतिशोध की भावना से एक दिन के लिए भी खड़ा हो जाए, तो सम्पूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप से मजहबी दानवता का अंत संभव है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हिन्दू समाज न तो किसी के रक्त का प्यासा है और न ही दानवता का समर्थक, परंतु आत्मरक्षा उसका धर्म है। उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि 'धर्मो रक्षति रक्षितः' और आवश्यकता पड़ने पर 'धर्म हिंसा तथैव च' भी उतना ही सत्य है जितना 'अहिंसा परमो धर्मः'।"
बोहरा ने सभी समाजों से शांति और समरसता बनाए रखने की अपील की।