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संस्कार पाठशाला में स्वामी दयानंद की प्रेरणा

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22 Apr 25
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संस्कार पाठशाला में स्वामी दयानंद की प्रेरणा

(mohsina bano)

उदयपुर। राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, सेक्टर-4 अंबेडकर नगर में महिला आर्य समाज व वैदिका चंद्रकांता यादव के नेतृत्व में संस्कार पाठशाला के अंतर्गत विशेष सत्र का आयोजन हुआ। इस सत्र का उद्देश्य छात्राओं को भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों से जोड़ना था।

कार्यक्रम में स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा रचित ‘सोलह संस्कार’ एवं ‘आर्य उद्देश्य रत्नमाला’ पुस्तकों के माध्यम से वैदिक संस्कारों को सरल भाषा में समझाया गया। संयोजक वैदिका चंद्रकांता ने बच्चियों को आत्म-सुरक्षा, जागरूकता और वैदिक जीवन शैली की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने लव जिहाद जैसे विषय पर सतर्कता की आवश्यकता बताई और कहा कि “संदेहास्पद बातों को छुपाना नहीं, साझा करना चाहिए।”

मुख्य अतिथि डॉ. राजश्री गांधी ने अपने उद्बोधन में कहा, “संस्कार सड़क के दीपक की तरह हैं, जो हमारी गति नहीं, बल्कि हमारे पदचिन्हों को रोशन करते हैं।” उन्होंने महात्मा गांधी को उदाहरण स्वरूप रखते हुए विद्यार्थियों से चरित्र निर्माण पर बल देने की बात कही। उन्होंने कहा कि “अपने शब्दों को पद प्रदर्शन बनाएं, क्योंकि यही हमारे भाग्य निर्माण में सहायक हैं।”

कार्यक्रम में ‘आर्य उद्देश्य रत्नमाला’ पर आधारित प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की गई, जिसमें सही उत्तर देने वाली छात्राओं को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। गायत्री मंत्र के समवेत उच्चारण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

इस अवसर पर डॉ. सविता आर्य, वर्षा तिवारी, सुमन, शकुंतला गटानी, विद्यालय की प्रधानाचार्य और समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं। सभी ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए आयोजकों का आभार व्यक्त किया।


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