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निःशुल्क भोजन वितरण सेवा संस्थान सेवा के 6 वर्ष पूरे    

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20 Apr 25
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निःशुल्क भोजन वितरण सेवा संस्थान सेवा के 6 वर्ष पूरे    

  
उदयपुर। समाजसेवी अशोक पोखरा ने वर्ष 2015 में अपनी आय के 10 वें हिस्से को समाज सेवा में खर्च करने की ईच्छा के साथ जरूरतमंदोे को खाना खिलानें के उद्देश्य से अकेले सेवा कार्य प्रारम्भ किया। जरूरतमंदो को खाना खिलानें का अकेले से शुरू हुए इस सफर में आज सैकड़ों लोग जुड़ चुके है और गिने-चुने लोगों को खाना खिलानें से हुई शुरूआत आज प्रतिदिन 300 लोगों को खाना खिलानें तक पंहुच चुकी है।
एमबी हॉस्पीटल परिसर में चल रही निःशुल्क भोजन सेवा केन्द्र में आयोजित प्रेस वार्ता में अशोक कुमार पोखरा ने बताया कि अपनी आय के 10 प्रतिशत हिस्से को मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए दाल, पूरी वितरण से प्रारम्भ किया लेकिन इससे मुझे सुकून नहीं मिला। मुझे एक अच्छा प्लेटफार्म की तलाश थी उसके लिए मेरा मन बेचैन रहने लगा। एक दिन अचानक 2017 में मुझे कार्डियोलॉजी जाने का मौका मिला, वहां पर मरीजों,उनके परिजनों को परेशान और भूख से बेहाल देखा तो मेरी आंखे खुल रह गई,फिर मैंने बैठे  8 ,10 व्यक्तियों से चर्चा की और उसी समय तुरंत जाकर 10 ब्रेड के पैकेट 2 किलो नमकीन और तीन पानी की बोतल लेकर आया और सभी परिजनों को वहां बिठाकर नमकीन और ब्रेड के पैकेट खोल और अपने इष्ट देव का नाम ले उन्होंने भोग लगाने के लिए बोला केवल 10 मिनट में सारी सामग्री खत्म हो गई उसे दिन मुझे काफी सुकून मिला। परंतु रात भर नहीं सो पाया कि आगे कैसे क्या किया जाए कोई रास्ता नहीं मिला।
उन्हांेने बताया कि काफी विचार,चिंता सोच बाद जनवरी 2018 के प्रथम रविवार को प्रातः 10 बजे बजे भोजन के 50 पैकेट बनवा कार्डियोलॉजी के ग्राउंड फ्लोर पर सभी परिजनों को पैकेट वितरण किया परंतु यह भी कम पड़ा और भोजन करने वाले ज्यादा थे उस स्थिति में मैंने उन परिजनों को 10 मिनट इंतजार करो दूसरा भोजन लाता हूं फिर पुनः उस दिन 20 पैकेट ब्रेड के 3 किलो नमकीन लाकर वितरण वितरण किया उसे दिन भी मुझे काफी खुशी और सुकून मिला लेकिन उससे कहीं गुना ज्यादा दुखी हुआ।
मैनें इस सेवा कार्य को सुचारू रूप से चलानें के लिये लोगों से मदद मांगी लेकिन कोई आगे नहीं आया और मेरे बारें में गलत बोलने लग गये। मुझे केवल दुख इन परेशान परिजनों का था।
उसे रात भी मुझे नींद ने परेशान किया। उसी दरम्यिान एडवोकेट बसंत भट्ट ने इस काम को प्रोत्साहन देते हुए बड़ा सम्मान पूर्वक मेरा मार्गदर्शन किया और वही वे ऐसे शख्स थे जिन्होंने मेरे इस काम को समझा आया और मेरा आगे का मार्गदर्शन किया। निःशुल्क भोजन वितरण सेवा संस्थान के असल में वही जन्मदाता बनें। 28 अप्रैल 2019 रविवार को प्रातः10 बजे 20 किलो आटे की रोटी और सब्जी की व्यवस्था कर भोजन वितरण किया जाए। ऐसा ही हुआ मैंने रोटी, आलू की सब्जी और पानी का एक केन के साथ पांच व्यक्तियों की मदद लेकर गार्डन के बाहर भोजन सामग्री पहुंचाई ये पांच व्यक्ति मेरे साथ उ.स. सोनी,रामेश्वर लाल जिनगर और दोनों मेरे बेटे  आयुष पोखरा और मीनल पोखरा थे।
यह सेवा का सिलसिला प्रत्येक रविवार को चलते-चलते परिजनों को भोजन वितरण की संख्या 750 बन गई और धीरे-धीरे समय के अनुसार इसका नाम भी निःशुल्क भोजन वितरण सेवा परिवार में बदल गया।
पोखरा ने बताया कि इसी के साथ करोना काल में भी यह सेवा निर्बाध गति से जारी रही। इस सेवा में नए-नए साथी जुड़े और 2022 में सेवा परिवार का नाम रजिस्टर्ड निःशुल्क भोजन वितरण सेवा संस्थान में बदल गया।
तत्पश्चात इसी के साथ मेरे मन की इच्छा पूरी करने के लिए एम.बी. चिकित्सालय के प्रशासन और डॉ विपिन माथुर द्वारा संस्थान के उद्देश्य और सेवा से प्रभावित होकर संस्थान को एक अच्छा परिसर अलॉट किया। उस परिसर में निःशुल्क भोजन वितरण सेवा संस्थान को आज 18 महीना से भोजनशाला आज चल रही है। यहां पर प्रतिदिन प्रातः 10 बजे 300 व्यक्तियों का भोजन बनता और आज 18 महीनों में आज तक 183000 परिजनों को संस्थान निःशुल्क भोजन कर चुकी है जिसमें दो सब्जी , रोटी ,चावल, कभी खिचड़ी और विशेष अवसर पर हुई, किसी जयंती पर या त्योहार पर मिठाई और मरीजों के लिए पौष्टिक दलिया की व्यवस्था होती है।
इन 6 वर्षों में संस्थान ने हॉस्पीटल के वार्डाे में 10 वाटर कूलर लगाए हैं और करीब 16 वाटर कूलर जो चिकित्सालय में बेकार पड़े हैं काम नहीं कर रहे हैं उन्हें रिपेयर कर मरीजों के लिए पानी की व्यवस्था बनाई। सात बार ब्लड डोनेट शिविर लगाए।
इस अवसर पर आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने कहा कि संस्थान द्वारा महाराणा भूपाल चिकित्सालय के लिए का मान बढ़ाते हुए पिछले 6 वर्षाे से चिकित्सालय परिसर में किये जा रहे निःशुल्क भोजन वितरण सेवा से हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं यह मेरे लिए एवं महाराणा भूपाल चिकित्सालय के लिए बड़े भी गर्व की बात है संस्थान सेवा में किसी भी तरह का जातिवाद छोटे-बड़े का कोई भेदभाव नहीं है सबको समान रूप से सेवा दी जाती है यह ऐसी सेवा है जिससे मन को सुकून मिलता है। संस्थान के सभी सदस्यों एवं पदाधिकारी संस्थापक अशोक जी साथ में रुचिका चौधरी अशोक परिहार बसंत भट्ट केदारनाथ दाधीच राजकुमार सचदेव महावीर नागदा अशोक पालीवाल राकेश चौधरी शंकर तेजवानी भागवत मेहता जुल्फिकार अली पीपा वाला सभी संस्थान के उद्देश्यों के साथ लगे हुए हैं जिस व्यक्ति को सुकून मिलता है वह व्यक्ति सबसे अमीर होता है। इस अवसर पर संस्थान के सभी सेवासाथी सदस्य मदनलाल चुंडावत  प्रहलाद सेन सुनील सेन  हरिओम सेन  राजेंद्र नारायण आमेटा  गोविंद लाल शर्मा बृजमोहन वशिष्ठ  घनश्याम माली पिंटू चौधरी  योगेश कुमावत  गायत्री कुंवर  नेहा  रमेश पालीवाल  विनीत तलेसरा  दिनेश अरोड़ा  अनिल भावसार  हेमंत दशोरा उपस्थित थे।


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