उदयपुर – प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और श्रमिक हितैषी बनाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि योजना की मौजूदा रूपरेखा में बदलाव की सख्त ज़रूरत है ताकि ग्रामीण श्रमिकों को वास्तविक लाभ मिल सके।
शर्मा ने कहा कि वर्तमान में मनरेगा के अंतर्गत केवल 100 दिन का रोजगार दिया जाता है, जो आज की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में अपर्याप्त है। उन्होंने कार्य दिवसों को बढ़ाकर कम से कम 150 दिन और आपदा प्रभावित व अति-गरीब क्षेत्रों में 200 दिन सुनिश्चित करने का सुझाव दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि श्रमिकों को मिलने वाली मजदूरी दर बहुत कम और असंतुलित है। उन्होंने मांग की कि मजदूरी को 400 रुपये प्रतिदिन किया जाए और भुगतान में हो रही देरी को तत्काल रोका जाए।
शर्मा ने अनुसूचित जनजातियों और अन्य वंचित समुदायों के लिए वन अधिकार अधिनियम के तहत रोजगार के अवसरों को और अधिक व्यापक करने की बात कही। उन्होंने सामाजिक लेखा परीक्षा (सोशल ऑडिट) को स्वतंत्र और मजबूत बनाने पर भी ज़ोर दिया।
उन्होंने यह चिंता भी जताई कि वर्ष 2021-22 में लगभग 50.31 लाख जॉब कार्ड रद्द कर दिए गए, जिनके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय से पारदर्शी आंकड़े सार्वजनिक करने की मांग की।
अंत में शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह मनरेगा को सिर्फ कागज़ी योजना बनाकर न छोड़े, बल्कि इसे ग्रामीण भारत को सम्मानजनक जीवन देने का एक सशक्त माध्यम बनाए।