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भारत में ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने " पर कार्यशाला

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12 Apr 25
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भारत में ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने " पर कार्यशाला

उदयपुर : दि इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, उदयपुर लोकल सेंटर द्वारा "भारत में ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने " पर कार्यशाला आयोजित की गई।
रम्भ में संस्था के अध्यक्ष इंजी पुरुषोत्तम पालीवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत कर उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखते हुए बताया कि भारत में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करना एक बढ़ती हुई ज़रूरत है जैसे जैसे भारत हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर बढ़ रहा है, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की प्रक्रिया तेज होती जा रही है। इस बदलाव का एक महत्वपूर्ण घटक देश भर में (ईवी) चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना है।
इस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया उदयपुर लोकल सेंटर के मानद सचिव इंजीनियर पीयूष जावेरिया ने बताया पर्यावरण को बनाए रखने और जीवाश्म ईंधन को कम करने के लिए हमें  ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का रोडमैप बनाना होगा, यह ग्रीन प्रोजेक्ट के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की चुनौतियों और अवसरों के बारे में अपने विचार रखें।
कार्यशाला की मुख्य वक्ता इंजी. नेहा सक्का जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल), जयपुर विद्युत वितरण निगम ने बताया कि ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए अनिवार्य रूप से लेण्ड, चार्जर्स, ईवीएसई, निर्बाध बिजली की आवश्यकता होती है। उन्होंने प्रवाहकीय चार्जिंग प्रणाली, चार्जिंग प्रबंधन प्रणाली चार्जिंग स्टेशन ऑपरेटर सी एम एस पर विस्तृत विवेचना की । उन्होंने कहा कि ईवी चार्जिंग स्टेशन की स्थापना और संचालन लाइसेंस.मुक्त गतिविधि है और कोई भी संस्था ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने सौर आधारित ईवीसीएस, नवीकरणीय ऊर्जा, पारंपरिक ऊर्जा बिजली ग्रिड से आउटलेट सॉकेट के बारे में बताया। उन्होंने हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मंत्रालय की गाइडलाइन के बारे में बताया कि शहरों में अब नये बनने वाले शॉपिंग मॉल, हाउसिंग सोसाइटी, आवासीय प्रोजेक्ट में 20 प्रतिशत इवी के लिए आरक्षित करना होगा।
कार्यशाला के वक्ता जयदीप सिंह शक्तावत सीईओ योचार्ज ने बताया कि ईवी व्यक्तिगत अथवा फ्लीट ऑपरेटर्स खरीद सकते हैं उन्होने बताया कि वर्तमान में 80 प्रतिशत ईवी उपयोगक घर कार्यस्थल, संस्थान, सोसायटी मे तथा 20 प्रतिशत मिडवे, पेट्रोल पंप पर हो रहा हैं उन्होंने सीएमएस को रेखांकित करते हुए बताया कि यह एंड्रॉयड और आईओएस मोबाइल, एप्लिकेशन एग्रीगेटर के साथ एकीकरण, रियल टाइम मॉनिटरिंग, रिमोट कंट्रोल, हार्डवेयर निदान, चार्जिंग प्रबंधन, ऊर्जा लेखांकन, लोड प्रबंधन, ऊर्जा मिश्रण, सोलर,भुगतान प्रबंधन भुगतान गेटवे और उपकरण राजस्व साझाकरण बिलिंग और कर में मदद करता है।  संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन मानद सचिव इंजी पीयूष जावेरया ने किया।
 


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