उदयपुर। उदयपुर की दो ख्यातनाम राजस्थानी साहित्यकार आशा पांडे ओझा 'आशा' व शकुंतला पालीवाल डेह नागौर में सम्मानित होंगी। आशा पाण्डेय ओझा 'आशा' की काव्य कृति सबदां रै धकै को 'प्रमिला देवी पंड्या' राजस्थानी भाषा पुरस्कार' तथा शकुंतला पालीवाल की कहानी की पुस्तक 'केसर रा छांटा' को शिम्भु राम धोळया राजस्थानी कहानी पुरुस्कार मिलेगा। सम्मान स्वरूप दोनों को ग्यारह -ग्यारह हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
राजस्थानी भाषा के मायड़ भाषा पुरस्कार 2025 की घोषणा करते हुए डेह के पवन पहाड़िया ने बताया कि नेम प्रकाशन डेह, नागौर की ओर से लगातार 15 वर्षो से मायड़ भाषा राजस्थानी पुरस्कार दिए जा रहे हैं। राज्य में राजस्थानी भाषा संरक्षण हेतु यह सबसे बड़ा आयोजन है जिसमें अब तक 139 राजस्थानी भाषा के विद्वानों को सम्मानित किया जा चुका है। इस बार राजस्थानी की विभिन्न विधाओं की 31 पुस्तकों का चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि उनमे उदयपुर की वरिष्ठ साहित्यकार आशा पाण्डेय ओझा 'आशा ' को उनके कविता संग्रह सबदां रै धकै के लिए सम्मानित किया किया जाएगा। साथ ही विख्यात युवा कहानीकार शकुंतला पालीवाल को उनकी पुस्तक 'केसर रा छांटा' के लिए सम्मानित किया जाएगा। सम्मान समारोह का कार्यक्रम बीस अप्रेल को डेह में आयोजित होगा जिसमें इन दोनों साहित्यकारों को ग्यारह-ग्यारह हजार रूपए, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किये जाएंगे। समारोह में प्रदेश के इकतीस जाने -माने साहित्यकारों को उनकी विभिन्न पुस्तकों के लिए सम्मानित किया जाएगा।
बता दें कि आशा पाण्डेय की अब तक कुल 11 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और श्रीमती शकुंतला पालीवाल की अब तक तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। दोनों ही साहित्यकारों को देश- प्रदेश के कई प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं।