रमजान का महीना हर मुसलमान के लिए बेहद खास होता है, और इस बार बांसवाड़ा के इंद्रा कॉलोनी निवासी 8 साल की सैयद इयाना अली ने रमजान के पूरे महीने के रोजे रखकर एक अनोखा उदाहरण पेश किया। इयाना ने अपनी छोटी सी उम्र में ही अपने मजहब के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण का परिचय दिया।
हालांकि इयाना की उम्र सिर्फ 8 साल है, लेकिन उनके इरादे बेहद मजबूत थे। उन्होंने रमजान के महीने में रोजे रखे, जो उनके परिवार और समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बन गया। इयाना का यह कदम यह साबित करता है कि सही मार्गदर्शन और परिवार का साथ हो, तो बच्चे भी अपने मजहबी कर्तव्यों को निभाने में सक्षम होते हैं।
सैयद इयाना अली का यह समर्पण उनके परिवार और समुदाय के लिए गर्व की बात है, और उनके इस कदम से पूरे समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलता है।