उदयपुर। पेसा एक्ट 1996 के विधिक प्रावधान एवं प्रबंधन पर दो दिवसीय प्रशिक्षण उदयपुर में जिला प्रमुख श्रीमती ममता कुंवर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इसमें उदयपुर सहित सलूम्बर, चित्तौडगढ़ व प्रतापगढ़ जिलों के विकास अधिकारी, अतिरिक्त विकास अधिकारी, एनजीओ प्रतिनिधि, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य एवं अन्य जन प्रतिनिधि तथा कार्मिकों ने भाग लिया।
जिला प्रमुख श्रीमती ममता कुंवर ने पेसा एक्ट की विस्तृत जानकारी दी तथा इस एक्ट को धरातल पर लागू करने की बात कही। साथ ही पेसा एक्ट में ग्राम सभा एवं शांति समिति की जानकारी देते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में बीस सदस्यों की शांति समिति का गठन किया जाकर गांव में शांति एवं सुरक्षा का माहौल बना सकते है। साथ ही आपसी विवादों का समाधान एवं निपटारा किया जा सकता है जिससे सस्ता एवं सुलभ न्याय गांव की जनता को मिल सके। उन्होंने बताया कि इस एक्ट में शान्ति समितियों एवं राजस्व ग्राम स्तर पर ग्राम सभा को मज़बूत बनाने महत्वपूर्ण शक्तियां भी दी गई है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता पैदा करने के लिए सार्थक सहयोग एवं प्रयास की आवश्यकता है।
मास्टर ट्रेनर बंशीलाल कटारा ने पेसा अधिनियम की विस्तृत जानकारी दी। डॉ भरत कुमार श्रीमाली, सरफराज शेख, श्यामलाल मेनारिया, एडीईओ टीएडी अमृता दाधीच, राजेश नायक, आदि ने विषय वस्तु पर प्रकाष डाला। इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य कालूराम, डॉ पुष्पा शर्मा, केशवलाल आदि ने भी विचार व्यक्त किए। मंच संचालन असलम ने किया। प्रशिक्षण वीर वीरेन्द्र सिंह, देवीलाल गर्ग, महेन्द्र सिंह ढाका, स्तुति शास्त्री, सोनम कंवर, पूजा, प्रकाश, कार्तिक, इत्यादि उपस्थित थे।