उदयपुर । भारतीय लोक कला मण्डल के 74 वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित लोकानुरंजन मेले के दूसरे दिन गुजरात के सीद्धी धमाल ने अपने ज़बरदस्त प्रदर्शन से दर्शकों को रोमांचित किया।
भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि कार्यक्रम के दूसरे दिन भी राजस्थान सहित भारत के विभिन्न प्रान्तों से आये लोक कलाकारों ने कार्यक्रम में अद्भुत प्रस्तुतियाँ दी जिनमें जोधपुर से आए 10 सदस्यीय कालबेलिया नृत्य के कलाकारों ने अपनी कलाबाजियों से दर्शकों का दिल जीता तो बांरा से आए चकरी दल के कलाकारो ने अपनी प्रस्तुति से कार्यक्रम में समा बंधा। इसके साथ ही बाँरा जिले से ही आए सहरिया कलाकारों भी अपनी प्रस्तुतियाँ दी, बाडमेर के कलाकारों ने कार्यक्रम में लोक देवता पाबूजी राठौड़ की फड़ का वाचन किया कार्यक्रम में अन्य राज्यों से आए कलाकारों ने भी लोकरंग बिखरे जिसमें गुजरात के कलाकारों ने सीद्धी धमाल नृत्य हिमाचल प्रदेश के फूकों नटी नृत्य, तेलंगाना का पेरिनी नाट्यम दल, जम्मु कश्मीर का गोजरी नृत्य दल, पंजाब के कलाकरों ने जिन्दवा नृत्य एवं भारतीय लोक कला मण्डल के कलाकारों के दल ने तेराताल लोक नृत्यों की शानदार प्रस्तुतियाँ दी।
कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था के मानद सचिव सत्य प्रकाश गौड़ ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री कुलदीप शर्मा, ए डी जे. एवं गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया उसके पश्चात सभी गणमान्य अतिथियों ने भारतीय लोक कला मण्डल के संस्थापक पद्मश्री देवीलाल जी सामर साहब. की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
उन्होंने बताया कि स्थापना दिवस समारोह पर आयोजित ‘‘लोकानुरंजन मेला कला एवं संस्कृति विभाग, राजस्थान सरकार, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, जोधपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला, भाषा एवं संस्कृति विभाग, तेलंगाना सरकार, पंजाब फोक आर्ट सेंटर, गुरदासपुर, माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, उदयपुर के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
स्थापना दिवस के अवसर पर ही संस्था में ‘‘21 वें पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह’’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें काईट ऐक्ंिटग स्टूडियो, मुम्बई द्वारा साहेब नीतीश द्वारा निर्देशित नाटक कपास के फूल का मंचन दिनांक 25 फरवरी 2025 को एवं दिनांक 26 फरवरी 2025 को नाटक ‘खोया हुआ आदमी’’ का मंचन किया जाएगा तो समारोह के अंतिम दिन दिनांक 28 फरवरी 2025 को मंच-रंगमंच संस्था, अमृतसर द्वारा केवल धालीवाल निर्देशित नाटक एक था मंटो का मंचन किया जाएगा।
कार्यक्रम के तीसरे दिन भी देश के विभिन्न प्रान्तों से आए लोक कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देगें जिसमें दर्शकों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा ।