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जाति त्रुटि सुधार हेतु तहसीलदार को आवेदन संभव

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22 Feb 25
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जाति त्रुटि सुधार हेतु तहसीलदार को आवेदन संभव

(mohsina bano)

उदयपुर। भूमि अभिलेख में जाति अथवा वर्ग की त्रुटि सुधार हेतु संबंधित तहसीलदार को आवेदन किया जा सकता है। यह स्पष्टता जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा उदयपुर सांसद डॉ. मन्ना लाल रावत के पत्र के जवाब में दी गई है।

सांसद रावत ने जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराव को लिखे पत्र में शिकायत दर्ज कराई थी कि उदयपुर एवं चित्तौड़गढ़ जिलों के वल्लभनगर, कानोड़, भींडर, डूंगरा, बड़ी सादड़ी क्षेत्र में रावत उपनाम की जातिसूचक व्याख्या कर अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। भील समाज, जो अनुसूचित जनजाति के क्रमांक 1 में दर्ज है, की परंपरागत पदवी "रावत" के कारण उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल किया जा रहा है।

सांसद रावत ने बताया कि इससे अनुसूचित जनजाति के लोगों के कृषि भूमि अधिकार, नियोजन, शिक्षा, एवं राजनीतिक आरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने इस विषय पर सरकार से संज्ञान लेने की मांग की थी।

मंत्रालय का जवाब
जनजातीय कार्य मंत्रालय ने इस विषय में राजस्थान सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था। राजस्थान सरकार ने सूचित किया कि राज्य में अनुसूचित जनजातियों को शिक्षा, सरकारी सेवा एवं संवैधानिक लाभ जाति प्रमाण पत्र के आधार पर ही प्रदान किए जाते हैं। यह प्रमाण पत्र भारत सरकार द्वारा 1976 में जारी अनुसूचित जनजाति सूची के अनुसार जारी होते हैं।

साथ ही, राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 136 के अनुसार, किसी भी लिपिकीय त्रुटि या अन्य गलती को राजस्व अधिकारी अपने निरीक्षण में सुधार सकता है। यदि भूमि अभिलेख में जाति अथवा वर्ग गलत अंकित हो गया है, तो तहसीलदार को आवेदन देकर इसे ठीक करवाया जा सकता है

यदि किसी व्यक्ति से इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है, तो मामले की विस्तृत जांच कराई जाएगी


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