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हारमोन व मधुमेह के कारणों पर ईलाज पर हुआ गहन मंथन

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12 Feb 25
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दिनेश गोठवाल

हारमोन व मधुमेह के कारणों पर ईलाज पर हुआ गहन मंथन

उदयपुर। द एण्डोक्राइन एंड डायबिटीज रिसर्च ट्रस्ट और डायबिटीज वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में शोर्यगढ़ रिसॉर्ट में बारहवीं एण्डो-डायकोन 2025 दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन की गई। इसमें संभाग हीं नहीं वरन् देश के विभिन्न राज्यों से 200 से अधिक प्रतिभागियों एवं विषय विशेषज्ञों के रूप में नई दिल्ली पीजीआई चण्डीगढ़, सूरत,अहमदाबाद आदि से विशेषज्ञ भाग लिया।
ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. डी.सी.शर्मा ने बताया कि दोनों दिन हारमोन व मधुमेह बीमारियांे के सन्दर्भ में 45 लेक्चर हुए थे और इन बीमारियों के 6 केस पर चर्चा की गई। डॉ. शर्मा ने बताया कि मोटापा पर अमेरीका में शोध की गई नई दवा टर्जेपेटराईड अब शीघ्र ही भारत में उपलब्ध होने वाली है। उस पर डॉ. शर्मा उसके शोध एवं उसकी उपयोगिता पर पत्रवाचन करते हुए बताया कि यह दवा मधुमेह व मोटापा के रोगियों के ईलाज के लिये अमेरीकन ओथेॅरिटी द्वारा अर्पूव्ड की गई है। जो आने वाले समय में भी हमारें देश में उपलब्ध होगी।
 पहले बच्चों की हार्माेन बदलाव की औसत उम्रं 12 से 13 वर्ष मानी जाती थी जो अब किसी किसी मामले में तो 8 वर्ष भी हो गई है। यह सब न्यूट्रीशंस के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज टाइप वन को जड़ से खत्म करने का दावे को ऐलोपैथी नहीं मानती। टाइप टू में भी कम हो सकती है। डायबिटीज रिवर्सल पर भी सेमिनार में एक विशेष सत्र रखा गया है।
पीजीआई चण्डीगढ़ के पूर्व प्रोफेसर डॉ. अनिल भंसाली द्वारा थायराईड की जांचों एवं जटिल थायराईड रोागें पर प्रकाश डाला।
ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. डीसी शर्मा ने हारमोन,थायराईड,डायबिटीज,प्रजनन हारमोन, ग्रोथ संबंधी हारमोन,किशोरावस्था संबधी हारमोन्स, पर नवीनतम शोध व जानकारी साझा की गई। उन्होंने बताया कि सेमिनार में डायबिटीज में नित नई आने वाली दवाएं, नए अनुसंधान, शोध पर डायबिटीज के उपचार पर नवीन शोधों पर दिल्ली के डॉ.विनीत सुराणा व सूरत की डॉ. आंकाक्षा अथरिया ने प्रकाश डाला।
सेमिनार में ब्लड प्रेशर के जटिल रोग एवं आम समस्या नमक की कमी को लेकर उत्पन्न होने वाली समस्या पर दो पैनल डिस्कशन हुए। जिसमें पैनलिस्ट डॉ. आर.के.शर्मा,डॉ.संदीप कंसारा,डॉ. डी.सी.कुमावत, डॉ.अतुलाभ वाजपेयी, डॉ. कपिल भार्गव,डॉ. जय चोर्डिया,डॉ. राहुल सहलोत,डॉ. विनोद बोकडिया,डॉ.सोनिया गुप्ता,डॉ. वीरेन्द्र गोयल, सहित अनेक वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने विचार रखे। सेमिनार में दिल्ली, चण्डीगढ़,सूरत,अहमदाबाद,जयपुर,सहित देश के नामी चिकित्सा संस्थानों से आये लगभग 200 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लिया।
राजस्थान मेडिकल काउन्सिल द्वारा इस कान्फ्रेन्स के लिये फेकल्टी के लिये 6 क्रेडिट ऑवर्स व प्रतिभागियों लिये 4 क्रेडिट ऑवर्स स्वीकृत किये है। सेमिनार के लिये प्रतिभागियों का पंजीकरण जारी है।  
इस अवसर पर आम चिकित्सकों ने डायबिटीज की जानकारी बढ़ानें के लिये आईएमए व  एपीआई उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में एक हास्य नाटक डायबिटीज की अदालत नामक का मंचन किया गया। जिसमें अदालत बनायी गई। हंसी-हंसी में कलाकारों ने डायबिटीज की गहन जटिलताओं व तथ्यों को आसानी से समझा दिया। जिससे प्रतिभागियों का मनोरंजन व ज्ञानवर्धन हुआ।
डॉ. शर्मा ने बताया कि थायराइड बीमारी की जांचों को लेकर चिकित्सक को कभी-कभी     समझ नहीं पाते है। इसके कारणों पर चर्चा की गई। कैल्शियम व विटामिन डी,वृद्धावस्था मंे ओस्टियोपोरोसिस के कारण हड्ड़ियों में आने वाली कमजोरी के कारणों व ईलाज के नवीन शोधों पर  विषय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की गई। समारोह के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ. डी.सी.शर्मा ने किया।


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