उदयपुर,
"मुझे पूर्ण विश्वास था कि एक दिन मेरा खोया हुआ बेटा मुझे वापस मिलेगा," यह कहना था कांतिलाल प्रभु जी के पिता हीरा मीणा का, जिन्होंने अपने खोए हुए बेटे को लेने के लिए अपने भाई लालू राम के साथ बेदला स्थित अपना घर आश्रम का दौरा किया।
आश्रम के सचिव गोपाल कनेरिया ने बताया कि 15 नवम्बर 2024 को कांतिलाल प्रभु जी को आश्रयहीन अवस्था में लाल बोट चौराहा, बेदला से रेस्क्यू किया गया था। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन आश्रम में चिकित्सा और प्रभुजी की कृपा से उनका स्वास्थ्य बेहतर होने लगा।
आश्रम प्रभारी सुल्तान सिंह की काउंसलिंग के दौरान कांतिलाल ने बताया कि वह खांखल गांव के निवासी हैं। नेट सर्च करने पर यह गांव श्यामपुर तहसील, सराडा जिला सलूंबर में स्थित पाया गया। इसके बाद श्यामपुर के सरपंच से संपर्क किया गया और कांतिलाल की जानकारी दी गई, जिसके बाद उन्होंने कांतिलाल के परिवार को सूचित किया।
कांतिलाल के पिता हीरा मीणा ने बताया कि उनका बेटा 13 अक्टूबर 2024 से लापता था। बहुत प्रयासों के बाद और तीन महीने की खोज के बाद उन्हें अपने बेटे का पता चला। उनका परिवार अब खुश है।
आश्रम में आवश्यक कार्यवाही पूरी करने के बाद कांतिलाल प्रभु जी को तिलक लगाकर और उपरणा पहनाकर उनके घर के लिए विदा किया गया। इस अवसर पर लायंस क्लब उदयपुर अरावली के अध्यक्ष भूपेंद्र नागौरी, सेवा साथी रोहित कुमार, आकाश कुमार और सुखदेव भी उपस्थित थे।