उदयपुर। वन विभाग के तत्वावधान में उदयपुर बर्ड फेस्टिवल के 11वें संस्करण का शुभारंभ शुक्रवार को सिसारमा रोड़ स्थित कालका माता नर्सरी परिसर के गोल्डन पार्क में उदयपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ मन्नालाल रावत के मुख्य आतिथ्य में हुआ। तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिवल के पहले दिन बर्ड वॉचिंग, स्कूली बच्चों के लिए पेंटिंग व क्विज स्पर्धाएं हुई। वहीं सूचना केंद्र परिसर में पक्षी आधारित फोटो एवं डाक टिकट प्रदर्शनी का भी शुभारंभ हुआ। अपराह्न पश्चात ओटीएस परिसर में नेचर लिट्रेरी फेस्टिवल और कांफ्रेन्स में देश भर से आए ख्यातनाम पक्षी एवं पर्यावरण विशेषज्ञों ने भाग लिया।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने कहा कि भारत में पक्षी और पर्यावरण संरक्षण लोक जीवन का हिस्सा रहा है। आज भी गांव-देहातों में बड़े-बुजुर्गों द्वारा कटे हुए नाखूनों को इधर-उधर न फेंकने का सुझाव देते हुए कहा जाता है कि कटे हुए नाखून यदि खुले में फेंके तो चिड़िया इसे चावल समझ कर खा जाएगी और इससे उसकी मौत भी हो सकती है। भारतीय जीवन शैली में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं। उन्होंने बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजनों को युवा पीढ़ी के लिए काफी महत्वपूर्ण बताते हुए ऐसे कार्यक्रमों का दायरा बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने पक्षी और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रकाशित किए जाने वाले जनजागरूकता साहित्य को हिंदी-अंग्रेजी के साथ मेवाड़ी में भी प्रकाशित करने का आग्रह किया।
उदयपुर शहर विधायक श्री ताराचंद जैन ने कहा कि बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजनों से आमजन में जागरूकता बढ़ी है। लोग पक्षी और पर्यावरण संरक्षण के लिए सतर्क हुए हैं। विधायक श्री जैन ने उदयपुर बर्ड फेस्टिवल 2025 को लेकर माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की ओर से प्रेषित शुभकामना संदेश का भी वाचन किया।
उद्घाटन समारोह को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सीईओ रविसिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, ख्यातनाम पक्षीविद् और बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के पूर्व निदेशक असद आर रहमानी, बीएनएचएस के रजत भार्गव, आंनदों बनर्जी, सेवानिवृत्त आईएएस विक्रमसिंह, सेवानिवृत्त वन अधिकारी आरकेसिंह, आईपीएस मथारू, राजपालसिंह, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण सदस्य राहुल भटनागर भी बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे।
प्रारंभ में मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस आर वी मूर्थी, मुख्य वन संरक्षक सुनील छिद्री, उप वन संरक्षक (वन्यजीव) डी के तिवारी, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी, उप वन संरक्षक उत्तर अजय चित्तौड़ा सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान उदयपुर बर्ड फेस्टिवल की स्मारिका तथा पक्षियों की जानकारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि सांसद डॉ रावत ने गत दिनों घायल अवस्था में मिले और उपचार के बाद स्वस्थ हुए तोतों को आजाद कर बर्ड फेस्टिवल का श्रीगणेश किया।
पक्षियों की अठखेलियां निहारी, टेटू बनवाए
बर्ड फेस्टिवल के तहत पिछोला झील के पार्श्व भाग में बर्ड वॉचिंग की भी व्यवस्था की गई। यहां पक्षी विशेषज्ञों ने बच्चों को बायनोकूलर की मदद से पक्षी दर्शन कराया तथा पक्षियों की जानकारी भी दी। झील के छिछले पानी में अठखेलियां करते पक्षियों को देखकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। वहीं आयोजन स्थल पर बच्चों ने प्राकृतिक रंगों से पक्षियों के टेटू भी अपने चेहरे और हाथों पर मुद्रित कराए।
स्पर्धा में दिखाया उत्साह
उद्घाटन समारोह के बाद सीनियर और जूनियर ग्रुप में पेटिंग व क्वीज स्पर्धा भी हुई। इसमें शहर सहित आसपास के विद्यालयों से पहुंचे बच्चों ने उत्साह से भाग लिया। बच्चों ने कूची और रंग से पक्षियों के सुंदर संसार को ड्राईंग शीट पर उकेरा। वहीं क्वीज स्पर्धा में पक्षी और पर्यावरण से जुड़े प्रश्नों के उत्तर भी दिए।
परिंदों की प्रदर्शनी के प्रति दिखा उत्साह
वहीं दोपहर में सूचना केन्द्र में पक्षियों से संबंधित फोटोग्राफी एवं स्टाम्प प्रर्दशनी का शुभारंभ हुआ। सेवानिवृत मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर, डब्लूडब्लूएफ सीईओ रवि सिंह, पक्षी विशेषज्ञ असद रहमानी, व विक्रम सिंह ने इस प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस प्रदर्शनी में विभिन्न पक्षीविद्ों द्वारा क्लिक किये गये पक्षियों के चित्र के साथं उदयपुर की डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा का विश्व के 354 से अधिक देशों पर जारी डाक टिकट का सेंग्रह विशेष आकर्षण का केन्द्र है। इस अवसर पर यूनिसेफ की सिंधु बिनुजीत सहित विभिन्न पक्षी विशेषज्ञ व विभागीय कार्मिक उपस्थित रहे।