उदयपुर/ प्रसंग संस्थान, उदयपुर की ओर से पूर्व केन्द्र निदेशक, आकाशवाणी, वरिष्ठ साहित्यकार और कवि डॉ इन्द्र प्रकाश श्रीमाली की स्मृति में विद्या भवन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के सभागार में स्मरणांजलि सभा आयोजित हुई। नगर के साहित्यकारों, मित्रों और परिजनों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि समर्पित की। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट पुत्र कौस्तुभ प्रकाश ने कहा कि मुझे बचपन से ही हिन्दी भाषा से प्रेम रहा है जिसका श्रेय मेरे नाना नंद चतुर्वेदी और पिता को जाता है। उन्हें मेरे प्रोफेशन पर गर्व होता था।वे मुझे कहते थे कि तुम हमेशा वंचित और सच्चे व्यक्ति को न्याय दिलवाना।
गीतकार किशन दाधीच ने कहा कि वे आवाज़ के जादूगर थे। प्रोफेसर अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीमाली जी ने मीडिया पर अनेक पुस्तकें लिखी है। उन्होंने सुखाडिया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग में अध्यापन के दौरान आकाशवाणी में भाषा प्रयोग की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया था। जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी ने उनके मृदु व्यवहार को याद किया। राजेन्द्र सेन ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा एवं आकाशवाणी के संपूर्ण कार्यकाल पर प्रकाश डाला।
डाक्टर गरिमा चतुर्वेदी ने कहा कि श्रीमाली जी मेरे पेशेंट थे। मैंने ऐसा जिंदादिल पेशेंट नहीं देखा जो बीमारी को हरा देने का जज्बा रखता हो। श्रीमती तृप्ति ने परिजनों की ओर से संदेश वाचन किया।
युगधारा की अध्यक्ष किरण बाला जिनगर, अशोक मंथन, प्रगतिशील लेखक संघ की अध्यक्ष सरवतुन्निसा खान ने डॉ इन्द्र प्रकाश श्रीमाली को आवाज़ और शब्दों का जादूगर कहा।
सभा में जय राजस्थान अखबार के श्री शैलेश व्यास, वरिष्ठ आलोचक कवि श्री नंद भारद्वाज, आलोचक एवं बनास जन पत्रिका के संपादक , लेखक पल्लव, दिल्ली के संस्मरण सुनाए गए।सिम्मी सिंह, पाथेय संस्थान की मधु अग्रवाल, व्यापार मंडल,फतहपुरा सहित अनेक संदेश पढ़े गए। डाक्टर सुयश चतुर्वेदी ने बताया कि श्रीमाली जी ने हिफाजत, गांधी,होमर जैसी फिल्मों में काम किया। इसके साथ ही उनकी रूचि रंगमंच के क्षेत्र में भी थी। उन्होंने हाल में दूरदर्शन पर कविता पाठ भी किया था। सभा का संचालन डॉ सरिता जैन ने किया जिसमें उन्होंने डाक्टर श्रीमाली द्वारा लिखी मीडिया और साहित्य पर प्रकाशित पुस्तकों की भी जानकारी दी।