इस लघु नाटिका में एक पूरे परिवार की कहानी है जिसमें यह दर्शाया गया है की घर के मुखिया अर्थात पापा के शराब गुटका और गांजा , सिगरेट पीने से किस तरह सारा परिवार शारीरिक मानसिक, आर्थिक, सामाजिक रूप से मर जाता है । तब बच्चे अपने पापा से कहते हैं पापा हमें मत मारो।
अमेरिकन इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज मैं आज जल संरक्षण एवं नशा मुक्ति मित्र वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर पीसी जैन ने मेडिकल कॉलेज में नए प्रवेश लेने छात्र-छात्राओं को प्रोफेशनल कॉलेज में फैशन बनते तरह-तरह के नशो से कैसे बचा जाए यह बताया ।
प्रारंभ में उन्होंने अपने मेडिकल शिक्षा काल अपने मित्र को अत्यधिक शराब से करने की घटना को विस्तार से बताया जो कि अपने अब आपका एकलौता बेटा था।
आज तो कई तरह-तरह के नशे उपलब्ध है जिसमें अब "डिजिटल नशा" भी बहुत तेजी से फैल रहा है और उससे रिश्तो में दूरियां, अपराध, पैदा होने वाले बच्चों पर प्रेगनेंसी के दौरान डिजिटल डिवाइस से बच्चों के मस्तिष्क एवं सामाजिक और भावात्मक विकास पर भी नकारात्मक प्रभाव , बच्चों के न्यूरोट्रांसमीटर पर असर जिससे साइंस मैथ्स में मुश्किल होना, होना तलाक होना बढ़ रहा है इसलिए उन्होंने "डिजिटल फास्ट"को दैनिक जीवन में उतरने की आवश्यकता बताइ ।
अमेरिका की आबादी से ज्यादा भारत में नशा करने वालों की संख्या 37 करोड़ से पार हो गई है जो एक बहुत चिंताजनक स्थिति है।
सुपारी से डायबिटीज एवं कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती है इसलिए सुपारी की आदत नहीं डालनी चाहिए।
महिला पुरुष में नशे की तुलनात्मक प्रभाव बताते हुए उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में हर तरह नशे को विशेषकर शराब ,गुटका ,तंबाकू, बीडी सिगरेट, अफीम ब्राउन शुगर भांग गांजा चरस को महिलाओं के लिए पुरुषों से अधिक उनकी शारीरिक रचना की वजह से घातक बताया।
ब्रह्माकुमारी शिवानी के संदेश को दो छात्राओं कुलजीत एवं नूपुर शर्मा ने सबको बताते हुए कहा कि हर समय हर बात की युवक युवती में बराबरी नहीं की जा सकती है क्योंकि युवतियों को भविष्य में मां बनना है और उनके नशे का प्रभाव उनके आने वाली संतान पर निश्चित पड़ता है ऐसे में वह अपने होने वाली संतान का क्या भविष्य लिखेंगी?
पापा हमेँ मत मारो
जल मित्र एवं नशा मुक्ति मित्र दो पीसी जैन द्वारा
रचित नाटिका का मंचन नव आगंतुक छात्र-छात्राओं ने सभी के समक्ष किया और संदेश दिया कि एक पिता से शराब पीने से और नशा करने पर परिवार जीते जाते ही मारे बराबर हो जाता है। प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं
नूपुर , जयंत, वाची, कृष्णमाधव, सलीना, हिया ,कुलजोत, भावना मैं इस नशा नाटिका में अभिनय किया ।
नशा नृत्य
सभी छात्र-छात्राओं ने मिलकर इस डॉक्टर पीसी जैन द्वारा रचित नशा गीत को नृत्य के रूप में गाकर नशा न करने का संदेश दिया।
देहदान
डॉक्टर पीसी जैन ने छात्रों से कहा कि वह अपने-अपने परिजनों और परिचितों को इस हेतु प्रेरित करें ताकि आपको शरीर रचना का ज्ञान मिल सके और आपके कुशल चिकित्सक बन सके। उन्होंने स्वय देहदान की घोषणा कर रखी है |
सीनियर सम्मान
उन्होंने कहा कि हमारा सीनियर एक तरह से हमारा शिक्षक है और हमसे ज्यादा अनुभव है हम सम्मान उन्हें सम्मान देकर अनुभव का लाभ ले सकते हैं क्योंकि इस प्रोफेशन में बहुत ही अधिक आवश्यक है।
डॉक्टर पीसी जैन जैन का स्वागत प्रिंसिपल डॉ विनय जोशी ने करते हुए छात्रों से अपील की कि कि आप सबको इस मेडिकल कॉलेज को नशा मुक्त रखकर एक मिसाल कायम करनी है।
संचालन एवं धन्यवाद डॉ राहुल शर्मा ने ज्ञापित किया।
डायरेक्टर प्रिया जैन ने डॉक्टर पी सी जैन और उनकी सारी टीम को बधाई दी ।
डॉ विनय जोशी