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नशा मुक्ति के दस वर्ष बाद भी कूप्रभाव?

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21 Oct 24
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नशा मुक्ति के दस वर्ष बाद भी कूप्रभाव?

यदि आप आप वर्तमान में तंबाकू ले रहे हैं तो तत्काल छोड़ें और सालों साल तंबाकू मुक्त बने  रहे क्योंकि इसका खतरा छोड़ने के 10 साल के बाद ही कम हो समाप्त होने लगता है । अर्थात छोड़ने के बाद भी उसके कुप्रभाव जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, लंग कैंसर, माउथ कैंसर इत्यादि बने रहते हैं। अर्थात तंबाकू किसी भी रूप में सिगरेट, बीड़ी, मंजन, गुटका, मसाला लेना ही शुरू न करें। देश में रोज 4000 व्यक्ति, प्रदेश में 246 व्यक्ति और सारे देश में 12 लाख व्यक्ति तंबाकू से हर वर्ष मर जाते हैं। यह बात आज यहां मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज में जल मित्र एवं व्यसनमुक्त भारत की जिला समिति के सदस्य डॉक्टर पी सी जैन ने कहीं। प्रारंभ में उन्होंने अपने मेडिकल कॉलेज की शिक्षा के दौरान अपने सहपाठी, माता-पिता के इकलौते पुत्र की शराब से हुई मृत्यु की सच्ची घटना बताई।                                               कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलदीप  शर्मा सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण  ने विधार्थियों से  नशे के चपेट में न आने की अपील की और सदेव जाग्रत रहने का आग्रह किया |                                                                   नशे के  कारण जो 12 एफ हैं उनका छात्र छात्राओं द्वारा सचित्र वर्णन करवाया। स्मोकिंग किस तरह व्यक्ति को मारता है इस पर भी फिल्म बताइ। अपने पीपीटी प्रेजेंटेशन में उन्होंने युवक युवती दोनों के हर प्रकार के नशे के क्या प्रभाव होता है यह बतलाया क्योंकि दोनों की शारीरिक रचना अलग-अलग है तो नशे का कुप्रभाव युवतियों और उनके होने वाली संतति पर घातक होता है। शराब ,अफीम, तंबाकू, गुटखा, ब्राउन शुगर, एमडीएमऐ, सभी के तात्कालिक और दीर्घ गामी कुप्रभाव दिखाते हुए विद्यार्थियों को आगाह किया कि वह इन सब से बचे क्योंकि नशा एक रोग है जिसका ईलाज संभव है और  प्रभाव भी जीवन भर बना रहता है। 
पड़ोसी देश रोज ड्रोन के सहारे हमारे देश में नशीली ड्रग्स भेज रहा है ताकि हमारे युवा पीढ़ी बर्बाद हो सके और अगर युवा पीढ़ी यह तय कर ले कर ले कि हम नशा नहीं करेंगे तो यह नशीले पदार्थ किसी काम के नहीं रहेंगे अर्थात नशा मुक्ति बने रहना भी एक तरह की देशभक्ति है। 
 
कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्र होने नशा गीत" रो रो के घर के सारे" जिसमें बताया गया कि नशा शुरू में बहुत प्यारा लगता है और अंत में सारा परिवार रोता है। इस नशा गीत में कॉलेज के राशि खुंतवाल, भाव्यता यादव, हीना कंवर चुंडावत , चित्रा जोशी, तमन्ना अंजुम, अंजली  देवड़ा, जय बगड़ी , भावेश कुमार ने भाग लिया। 
डॉक्टर पीसी जैन ने अंत में सबसे संकल्प दिलवाया कि वह किसी प्रकार का नशा नहीं करेंगे और देश को नशा मुक्त करने के प्रयास में सक्रिय सहयोग देंगे। 
डॉक्टर पीसी जैन का  स्वागत लॉ कॉलेज के डीन डॉ राजश्री  डॉक्टर पानेरी ने किया और धन्यवाद  डॉ भाविक पानेरी ए डी एस डब्लू  ने ज्ञापित किया | कार्यक्रम में स्नेहा सिंह ,डॉ कल्पेश निकावत ,डॉ पी डी नागदा अस्सिस्टेंट प्रोफेसर भी उपस्थित थे |
 


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