उदयपुर मे पर्यटन व आध्यात्म के समागम केन्द्र स्वरुप संसार के समस्त देवी देवताओं , गुरुओं के बीच भारत को विश्वगुरु प्रमाणित करने व वसुधैव कुटुंब का सपना साकार करने का एकमात्र साधन है "विश्वतीर्थम" जिसपर प्रमाणिकता के साथ शोधकार्य संपन्न हो चुका है । ये बात प्रोफेसर विमल शर्मा ने लोकजन सेवा संस्थान के विश्व पर्यटन दिवस समारोह मे कहीं।
श्री विक्रमदेव पालीवाल ने अपने अनूठे स्वप्न की जानकारी देते हुए बताया कि विश्वतीर्थम मे सभी 33 कोटी देवी देवताऔ के साथ भारत की आजादी मे शहीदों का स्मारक भी बनाया जायेगा। प्रथम चरण मे दस हजार पांच सौ वर्ग फीट भूमि क्रय कर सृजनेश्वरम का निर्माण पूरा हो चुका है। परंतु पूर्ण विकसित करने हेतु अनुमानित 10 बीघा भूमि की आवश्यकता रहेगी। उन्हे खुशी है कि उनके इस प्रोजेक्ट मे अनेकानेक प्रशासनिक अधिकारी, विधायक व समाचार पत्रों ने रुची दिखाई है । अभी तक सभी कार्य स्वयं के प्रयासों से हुए है परंतु संपूर्ण कार्य हेतु जन सहभागिता की आवश्यकता रहेगी।
लोकजन सेवा संस्थान के सदस्यों ने जनसपर्क चला वांछित धन राशी एकत्रित करने मे पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
सामरोह मे महासचिव जयकिशन चौबे, इन्द्र सिंह राणावत , मनोहर लाल मुंदड़ा, डा. मनीष श्रीमाली , गोविंद लाल ओड आदि ने विचार व्यक्त किये