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उदयपुर में गांधी जी पर आयोजित कार्यक्रम स्थल को एबीवीपी ने रद्द कराया  

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16 Jun 24
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उदयपुर में गांधी जी पर आयोजित कार्यक्रम स्थल को एबीवीपी ने रद्द कराया  

महावीर समता संदेश के प्रधान संपादक हिम्मत सेठ ने प्रेसनोट जारी कर बताया कि आज उदयपुर में पाक्षिक समाचार पत्र 'महावीर समता संदेश’ और समता संवाद मंच के संयुक्त तत्वावधान में महावीर समता संदेश के 33वें स्थापना दिवस पर 'गांधी को कौन जानता है’ विषय पर एक विचार गोष्ठी और 'गांधी: महात्मा और सत्यधर्मी’ नामक पुस्तक के लोकार्पण का आयोजन किया गया था।
लेकिन आज सुबह ही केंद्र की ओर से उन्हें  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थानीय शाखा द्वारा इस कार्यक्रम के आयोजन पर आपत्ति जताने और कार्यक्रम रद्द कराने की सूचना विश्वविद्यालय के प्रबंधन से प्राप्त हुई। 
    उदयपुर में गांधी जी पर आयोजित कार्यक्रम को एबीवीपी द्वारा रद्द कराने से आहत महावीर समता संदेश के प्रधान संपादक हिम्मत सेठ हिम्मत सेठ, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, प्रोफेसर हेमेंद्र चंडालिया, एड भरत सिंह  भाटी,  वरिष्ठ पत्रकार अनिल जैन , सामाजिक कार्यकर्ता गजनफर अली और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं  ने प्रधानमंत्री के नाम खूला पत्र भेजा है। 
     प्रधानमंत्री के नाम भेजे गए पत्र में कहा गया है कि यह आयोजन वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी कोटा के उदयपुर स्थित परिसर के सभागार में होना था। इसके लिए कार्यक्रम के आयोजकों ने केंद्र के प्रबंधक से बाकायदा एक सप्ताह पहले ही अनुमति ले ली थी। लेकिन आज सुबह ही केंद्र की ओर से हमें सूचित किया गया कि उक्त कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी गई है। अनुमति रद्द करने का कारण यह बताया गया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थानीय शाखा ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर आपत्ति जताई है और कहा है कि अगर यह कार्यक्रम होता है तो इसके परिणाम ठीक नहीं होंगे।

    यह आयोजन वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी कोटा के उदयपुर स्थित परिसर के सभागार में होना था। इसके लिए कार्यक्रम के आयोजकों ने केंद्र के प्रबंधक से बाकायदा एक सप्ताह पहले ही अनुमति ले ली थी। लेकिन आज सुबह ही केंद्र की ओर से हमें सूचित किया गया कि उक्त कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी गई है। अनुमति रद्द करने का कारण यह बताया गया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थानीय शाखा ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर आपत्ति जताई है और कहा है कि अगर यह कार्यक्रम होता है तो इसके परिणाम ठीक नहीं होंगे।

विद्यार्थी परिषद से जुडे़ लोगों ने ही हंगामा और अभद्र नारेबाजी करते हुए एक सप्ताह पहले उदयपुर में ही मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्रों की कार्यशाला में शोध पद्धति पर व्याख्यान दे रहे डॉ. हिमांशु पंड्या को व्याख्यान देने से रोका था। विद्यार्थी परिषद के हुड़दंगी कार्यकर्ता डॉ. हिमांशु पंड्या को महज इसलिए देशद्रोही करार देकर उनका विरोध कर रहे थे कि डॉ. पंड्या ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में फिलीस्तीन के समर्थन में एक पोस्ट लिखी थी।

पत्र मे लिखा गया है कि यह कैसी विडबंना है कि एक ओर जहां दुनिया भर में महात्मा गांधी की स्वीकार्यता लगातार बढ़ती जा रही है, दुनिया के तमाम देशों में गांधी की प्रतिमाएं स्थापित हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर गांधी के अपने देश भारत में गांधी के नाम पर होने वाले वैचारिक कार्यक्रमों में इस तरह की बाधाएं पैदा की जा रही हैं और ऐसी बाधाओं को सरकारी संरक्षण मिल रहा है।

महोदय, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और आपके शब्दों में 'भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी' यानी लोकतंत्र की जननी है, लेकिन सरकारी संरक्षण में विद्यार्थी परिषद जैसे संगठनों की गुंडागर्दी बताती है कि भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी नहीं है बल्कि मर्डर ऑफ डेमोक्रेसी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अगर इस प्रवृत्ति पर रोक नहीं लगती है तो यही माना जाएगा कि यह सब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के एजेंडा के मुताबिक हो रहा है, जिसे आपकी सरकार का भी समर्थन और संरक्षण हासिल है।
समता सन्देश के 33 वें वर्ष मे प्रवेश के अवसर पर कार्यक्रम अन्य स्थान पर आयोजित किया गया, जहाँ गांधीजी पर पुस्तक का विमोचन भी किया गया.


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