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बाल्यकाल के संस्कारों की जीवन में महत्ता: डॉ गाँधी

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02 Mar 24
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बाल्यकाल के  संस्कारों की  जीवन में  महत्ता: डॉ गाँधी

उदयपुर | राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एकलिंगपुरा  कक्षा 12 वी.  के विद्यार्थियों का  विदाई समारोह हर्षोउल्लास से मनाया गया | इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेवी डॉ. राजश्री गांधी ने अपने उद्बोधन में संस्कारों का महत्व और उनके जीवन में आदर्शों की भूमिका के बारे में जानकारी देते हुए कहा की  संस्कारों का महत्व व्यक्तिगत और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये निम्नलिखित क्षेत्रों में बच्चों के विकास में महत्व पूर्ण भूमिका निभाता है |
सर्व प्रथम आदर्श व्यवहार संस्कारों के माध्यम से बच्चों को समाज में उच्च मानकों की पहचान होती है और उन्हें आदर्श व्यवहार का अनुसरण करने की सीख मिलती है।नैतिक  संस्कार बच्चों को सही और गलत के बीच अंतर को समझने में मदद करते हैं और उन्हें नैतिक मूल्यों की प्राप्ति का संदेश देते हैं।समाज सेवा संस्कार बच्चों को सामाजिक उत्कृष्टि के महत्व को समझाते हैं और उन्हें समाज सेवा के लिए प्रेरित करते हैं। सम्मान और सहयोग संस्कार बच्चों को अन्य लोगों के साथ सम्मानपूर्वक और सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करने की सीख देते हैं और सहयोग की भावना को विकसित करते हैं।
बच्चों को संस्कारों का अर्थ समझाने के लिए, उन्हें  समय-समय पर परिवार और समाज के साथ संवाद में रहना चाहिए। साथ ही, उन्हें सच्चे और उत्तम उदाहरणों का सामना करना चाहिए ताकि वे संस्कारों की महत्वता को अधिक समझ सकें।
 समारोह में उपस्थित बाबूलाल जैन, सेवानिवृत्ति अतिरिक्त निदेशक आयुर्वेदिक विभाग ,इंद्र प्रकाश यादव आर्य समाज  के सानिध्य में शांति पाठ और हवन का आयोजन किया गया। आयुर्वेदिक विभाग के वरिष्ठ कार्यकर्ता चंद्रकला आर्य ने स्वर्णप्राशन एवं काढा  वितरित किया। छात्र छात्राओं द्वारा रंगारंग प्रस्तुतिया दी गई एवं अध्यापको द्वारा छात्रों को परीक्षा सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई |
आभार प्रधानाध्यापक रुचिका माहेश्वरी द्वारा दिया गया।


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