उदयपुर। राष्ट्र संत उपसर्ग विजेता गुरु माँ गणिनि आर्यिका 105श्री सुप्रकाश मति माताजी एवं ससंघ का आज बलीचा स्थित ध्यानोदय तीर्थ में तीर्थ वंदन महा अभिनन्दन पद यात्रा पुष्पवष्अि कर भव्य स्वागत किया गया।
राष्ट्रीय संयोजक ओमप्रकाश गोदावत ने बताया कि संाय 4.15 बजे नियत समय गुरु माँ अपनी 4 शिष्याओं के साथ पद विहार करते हुए मुख्य द्वार पर पहुँचे, जहाँ कतार बद्ध खडे श्रावक श्रविका ने गुरु माँ की स्वागत मंगल कलश के साथ परिक्रमा करते हुए किया। इस अवसर पर क्रम बद्ध सुप्रकाश महिला घोष अपने सुमधुर घोष से स्वागत कर रही थी। जय घोष के साथ मुख्य द्वार पर ध्यानोदय तीर्थ ट्रस्ट मंडल द्वारा चरण रज धो कर स्वागत किया गया। मंच पर मांगलाचरण के बाद इतनी लम्बी यात्रा जिन चरण ने पद विहार से की उन्हें पखांरने का सोभाग्य श्रीमति इंदु बाला अभय कुमार गाड़िया परिवार को,तो मंगल आरती का सोभाग्य श्रीमति अंजना रमेश भूखीया मुंबई गुडा परिवार को मिला।
समारोह में गुरु माँ ने कहा की सूर्य उदय और अस्त होता है दोनों ही प्रक्रिया की अपनी विशेषता है। एक प्रक्रिया आपको ऊपर उठाती है प्रकाश करती तो एक अंधकार फैलाती है जो प्रातःसे अपना अपना कार्य निर्धारित कर लेता है वह आगे बढ़ जाता है और जो सांय सूर्य अस्त तक असमजस मे रहता है वह जैसे सूर्य अस्त होने पर अंधकार फैलता है आपका जीवन भी अंधकार मे रहेगा अतः हमेशा जीवन प्रकाशमान रखे। गुरु माँ के सानिध्य मे प्रति दिन प्रातः 7.45 अभिषेक 9.15बजे तत्व चर्चा एवं सांय 7.30बजे मंगल आ