उदयपुर । एक वक्ता के लिए सिर्फ वक्तव्य के विषय पर पकड़ होना ही मायनंे नहीं रखता, वह अपने श्रोताओं को तभी बांधे रख सकता है जब वक्तव्य के समय श्रोताओं की तरफ झुकाव, श्रोताओं से वार्तालाप का हुनर भी उसमें हो।
यह बात जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ‘जीतो’ उदयपुर चैप्टर की ओर से आयोजित सात दिवसीय ‘मास्टर द आर्ट ऑफ पब्लिक स्पीकिंग- मैप्स’ कार्यशाला में उभर कर आर्यी। अशोक नगर स्थित विज्ञान समिति के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला का संयोजन जीतो सेंटर फोर एक्सीलेंस की ओर से किया गया।
जीतो सेंटर फोर एक्सीलेंस के कन्वीनर पवन कोठारी ने बताया कि जीतो उदयपुर चैप्टर के चेयरमैन राजकुमार सुराणा, चीफ सेक्रेटरी कमल नाहटा की प्रेरणा से आयोजित इस कार्यशाला में बेंगलूरु निवासी व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक अनिल दुगड़ श्रीमती नमिता दुगड़ व रक्षा जैन ने एक बेहतर वक्ता के जरूरी बातें प्रतिभागियों को बताईं। इन्होंने बताया कि एक वक्ता के लिए उसके खड़े रहने का तरीका, हाव भाव, सभागार में उपस्थित श्रोताओं के साथ जुड़ाव, अपने भावों को शब्दों में पिरोने, कम शब्दों में अपनी बात रखने जैसे गुणों के साथ आत्मविश्वास बेहद भी जरूरी है। सशक्त आत्मविश्वास से ही वक्ता अपनी बात निडरता से प्रस्तुत कर सकता है। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को अलग-अलग विषय देकर प्रस्तुतीकरण का मूल्यांकन भी किया गया।
कार्यशाला के समापन पर आयोजित कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षाविद लक्ष्मीलाल धाकड़ की उपस्थिति भी प्रतिभागियों के लिए उत्साहवर्द्धक रही। कार्यक्रम के सहसंयोजक रमेश डागलिया व धर्मेन्द्र माण्डोत ने कार्यशाला की उपलब्धियों के साथ आगे के प्रस्तावित कार्यक्रमों की जानकारी दी।