पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित चित्रांकन पेंटिंग शिविर का समापन बुधवार को शिल्पग्राम में हुआ। समापन समारोह की मुख्य अतिथि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा तथा विशिष्ठ अतिथि वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा थे।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि ‘समग्र भारत-एक भारत’ (सामाजिक समरसता, पर्यावरण और लोक एवं जनजातीय संस्कृति चित्रांकन) विषय पर पांच दिवसीय चित्रांकन पेंटिंग शिविर का समापन शिल्पग्राम में बुधवार को हुआ। इस शिविर में देशभर से आए 15 कलाकारों ने भाग लिया। इस पांच दिवसीय चित्रकला शिविर के संयोजक डॉ. मदन सिंह राठौड़ थे। इस पांच दिवसीय शिविरों में कलाकारों ने बेहद सुंदर चित्र बनाए।
सर्वप्रथम केन्द्र के सहायक निदेशक दुर्गेश चांदवानी और कार्यक्रम अधिशाषी हेमंत मेहता ने पुष्पगुच्छ से अतिथियों का स्वागत किया। शिविर संयोजक डॉ. मदन सिंह राठौड़ ने पांच दिवसीय शिविर की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उसके बाद शिविर के प्रतिभागियों ने इस शिविर के प्रति अपने अनुभवों के बारे में बताया। वाराणसी के कलाकार सुनील विश्वकर्मा जिन्होंने अयोध्या में विराजित रामलला के चित्र को बनाया था, की पारंपरिक रामलीला कृति को सभी ने सराहा।
मुख्य अतिथि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने अपने उद्बोधन में समग्र भारत एक भारत के विषय पर विभिन्न कलाकारों द्वारा केनवास पर बनाए गए सुंदर चित्रों की सराहना की तथा जनजातीय चित्र पेंटिंग को अद्भुत बताया।
सभी कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, सेठ बिनानीदास कॉलेज नाथद्वारा तथा उदयपुर के कलाप्रेमियों ने देखकर सराहना की तथा केन्द्र द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की सभी कलाकारों ने प्रशंसा की। अंत में सभी कलाकारों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
इस शिविर में भोपाल से बंदना कुमारी तथा मयंक श्याम, डांग से दक्षिताबेन भोई तथा स्मितकुमार दिनेश भाई पटेल, वडोदरा से डेसिंग राठवा, उदयपुर से दिलीप कुमार डामोर, गुरूग्राम से डॉ. रेणु बारीवाल, दिल्ली से डॉ. लक्ष्मण प्रसाद, इलाहाबाद से डॉ. संदीप कुमार मेघवाल, जयपुर से कृष्ण कुमार, पालघर से कृष्ण चंदू काडू, पिण्डवाड़ा से महेश कुमार कुमावत, मधुबनी से पद्मश्री शांति देवी, पुणे से प्रेम अवले, वाराणसी से सुनील कुमार विश्वकर्मा ने भाग लिया।