सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय, उदयपुर की वर्षा जल संचयन परियोजना का उद्घाटन 25 जनवरी, 2025 को भारत के जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह, एसपीएसयू के दूरदर्शी प्रो. (डॉ.) पृथ्वी यादव, कुलपति, एसपीएसयू और लेफ्टिनेंट कर्नल नीरज कुमार, परिसर निदेशक के साथ किया जाएगा। । प्रख्यात पर्यावरणविद् और यूनेस्को के पूर्व पर्यावरण सलाहकार डॉ. राम बूझ भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। इस प्रणाली के माध्यम से, सालाना 4,360,000 गैलन वर्षा जल का संचयन किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय परिसर और इसके आसपास के क्षेत्रों में भूजल स्तर की पुनःपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह पहल न केवल स्थायी जल प्रबंधन सुनिश्चित करती है बल्कि क्षेत्र के पारिस्थितिक संतुलन को भी मजबूत करती है, जिससे भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और अधिक लचीला वातावरण बनता है। परियोजना का उद्देश्य प्राकृतिक ताजे भूमिगत जल संसाधनों के अत्यधिक दोहन को कम करना, अतिरिक्त वर्षा जल को मिट्टी में रिसने और जलभरों को फिर से भरने की अनुमति देकर भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना और स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं का समर्थन करना है। इसके अतिरिक्त, यह एक जीवंत शैक्षिक मॉडल के रूप में काम करेगा, जो छात्रों और परिसर समुदाय के बीच जल संरक्षण, स्थिरता और नवीन पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा। परियोजना का समन्वय डॉ. तूलिका चक्रवर्ती द्वारा किया गया है।