(mohsina bano)
श्रीगंगानगर, जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि जल प्रकृति की संजीवनी संपदा है, जिसके बिना जीवन की कल्पना असंभव है। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार जल सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सतत प्रयासरत है। जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना की 73 अरब 82 करोड़ 72 लाख 73 हजार रुपए की अनुदान मांगें विधान सभा में पारित कर दी गई हैं।
मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में जल संसाधन विभाग के लिए 8,147.78 करोड़ और इंदिरा गांधी नहर परियोजना के लिए 1,872.20 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। राज्य में सिंचित कृषि योग्य भूमि 272.11 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 39.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सतही जल परियोजनाओं से सिंचित है। राज्य को अंतर्राज्यीय जल समझौतों के तहत 17.88 बिलियन क्यूबिक मीटर जल निर्धारित है, जिसे देखते हुए माइक्रो सिंचाई पद्धति को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
राज्य में जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए नए बांध, बैराज, एनीकट के निर्माण के साथ-साथ पुराने जल संरचनाओं की क्षमता बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत 16 सिंचाई परियोजनाओं के लिए 1,895 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। द्वितीय चरण की लिफ्ट योजनाओं में स्प्रिंकलर सिंचाई व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कार्य प्रगति पर है।
बरसलपुर शाखा नहर, धोधा वितरिका, दांतौर वितरिका, गुरु जम्भेश्वर लिफ्ट नहर, बाबा रामदेव ब्रांच, कोलायत वितरिका, खिदरत वितरिका सहित विभिन्न नहर प्रणालियों के पुनरुद्धार और आधुनिकीकरण हेतु बजट स्वीकृत किया गया है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के द्वितीय चरण में सोलर पार्क के निर्माण और डिजिटलीकरण परियोजनाओं के लिए 15 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की जाएगी।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि सरकार बजट घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा कर जल आपूर्ति को सुनिश्चित करेगी, जिससे किसानों और प्रदेशवासियों को राहत मिलेगी।