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भजनलाल सरकारः लक्ष्य अंत्योदय, पथ अंत्योदय, प्रण अंत्योदय

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17 Feb 25
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भजनलाल सरकारः लक्ष्य अंत्योदय, पथ अंत्योदय, प्रण अंत्योदय

(mohsina bano)
श्रीगंगानगर। माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय‘ को लक्ष्य मानकर काम कर रही है, पिछले एक साल के कार्यकाल में समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों के कल्याण के लिए बहुत सारे निर्णय किए गए हैं। गांवों के विकास, गरीब, किसान, मजदूर, स्ट्रीट वेंडर, विधवा, विकलांग, वृद्ध और समाज के शोषित वर्गों के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंचे, यह व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना) के तहत 83 हजार पथ विक्रेताओं को 105 करोड़ रूपये का ऋण दिया गया। मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना में 221 करोड़ रूपए खर्च कर 3 लाख 26 हजार परिवारों को रोजगार दिया गया। नमस्ते योजना में 1253 सफाई कर्मचारियों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया गया। अनुसूचित जाति निगम की ओर से संचालित एससी, एसटी, सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन तथा ओबीसी के 9185 व्यक्तियों को स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराया गया।
महात्मा गांधी नरेगा योजना में 35 करोड़ से अधिक मानव दिवस सृजित किए गए जिनमें 3.70 लाख से अधिक कार्य पूर्ण हुए और 11,344 करोड़ रूपए से अधिक व्यय किए गए, 100 दिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की संख्या 5 लाख से अधिक है। इस योजना के तहत अनुसूचित जनजाति बहुल आबादी के चिन्हित 8 जिलों में जॉब कार्ड धारी परिवारों को 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने पर 50 दिवस का अतिरिक्त रोजगार राज्य मद से दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत अन्य योजनाओं में कन्वर्जेंस के तहत शौचालयों के लिए 100 प्रतिशत, गैस कनेक्शन के लिए 91 प्रतिशत, बिजली कनेक्शन के 92 प्रतिशत आवेदकों को लाभ प्रदान किया गया। इस योजना में विगत वर्षों में लंबित 38447 आवास पूर्ण कराए गए। गौरतलब है कि वर्ष 2024-2025 में आवंटित लक्ष्यों के विरूद्ध जारी प्रतिशत स्वीकृति एवं जारी प्रथम किश्त में राज्य का प्रथम स्थान है। बारां जिले में प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी महाअभियान के तहत 2,112 आवास पूर्ण कराए गए, जिन पर 192.60 करोड रूपए व्यय किए गए।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (एमएए) योजना में 25 हजार गर्भवती महिलाओं को प्रतिमाह 1271 अधिकृत निजी सोनोग्राफी केंद्रों पर निशुल्क सेवाएं दी जा रही हैं, साथ ही 72 हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को क्यूआर कोड जेनेरेटेड कूपन जारी किए गए हैं। बालिका के जन्म पर एक लाख रूपए का संकल्प पत्र प्रदान करने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू की गई। आठ लाख वरिष्ठ नागरिकों को कैशलैस उपचार की सुविधा दी जा रही है, इसके अलावा 73 डे-केयर पैकेजेज कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए उपलब्ध हैं। बीपीएल महिलाओं को संबल प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 450 रूपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार असंगठित क्षेत्र के भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक अधिनियम 1996 के अंतर्गत 4 लाख, 23 हजार श्रमिकों को 423.25 करोड रूपए की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई।
मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना में 2.22 करोड़ रूपए व्यय कर 299 तथा संयुक्त सहायता अनुदान योजना में 25.49 करोड़ रूपए व्यय कर 13044 विशेष योग्यजन लाभान्वित हुए। 170 विशेष योग्यजनों ने सुखद दाम्पत्य जीवन योजना में लाभ प्राप्त किया जिस पर 360 लाख रूपए खर्च हुए। इसी प्रकार मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना में 6.26 लाख पेंशनरों को 963.11 करोड रूपए राशि की पेंशन दी गई।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 14 हजार 359 कन्याओं के विवाह पर 54.58 करोड रूपए की सहायता राशि दी गई। सिलिकोसिस बीमारी से पीडित 2,876 आवेदकों को 85.65 करोड रूपए की सहायता प्रदान की गई। पेंशन योजनाओं में लाभ प्राप्त करने वाले लाभाथियों की संख्या में 6.61 लाख की बढोतरी हुई है, मुख्यमंत्री वृद्धजन सम्मान पेंशन योजना में    51.90 लाख पेंशनरों को 8173 करोड रूपए राशि की पेंशन दी गई। राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना में 8.49 लाख पेंशनर लाभान्वित हुए जिनको 835.22 करोड रूपए की पेंशन दी गई। इसके अलावा राष्ट्रीय निशक्तजन पेंशन योजना में 25.69 करोड रूपए की राशि से 17,125 से अधिक पेंशनरों को लाभ हुआ। वृद्धजन लघु सीमांत कृषक पेंशन योजना में 316 करोड रूपए की राशि खर्च कर 2 लाख 09 हजार पेंशनर्स को लाभ प्रदान किया गया। पालनहार योजना में 6 लाख 15 हजार बच्चे लाभान्वित हुए, जिस पर सरकार ने 1284 करोड रूपए व्यय किए, इस योजना में 42 हजार 163 नए पालनहारों को जोडकर लाभान्वित किया गया। राजस्थान सरकार ने आरटीई के तहत शैक्षिक सत्र 2024-25 में 2.04 लाख नवप्रवेशित छात्रों की फीस पुर्नभरण पर 877.57 करोड रूपए खर्च किए।
राज्य सरकार ने श्रीअन्नपूर्णा रसोई में दिए जाने वाले भोजन में मोटे अनाज को शामिल कर दिए जाने भोजन की मात्रा में बढ़ोतरी की और राजकीय अनुदान 17 रूपए से बढाकर 22 रूपए प्रति भोजन थाली किया। इससे भोजन करने वालों को पोष्टिक और ताजा भोजन मिल रहा है। बहरहाल, मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार हर वर्ग और तबके को ध्यान में रखकर काम कर रही है और पं. दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सपने को साकार कर रही है। 


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