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रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की प्रगति की समीक्षा की

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27 May 21
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रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की प्रगति की समीक्षा की

श्रीगंगानगर । रेल, वाणिज्य एवं उद्योग उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को वीडियोकाॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के साथ रेलवे के अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। श्री गोयल ने कहा कि वर्तमान मे कोविड स्थिति के बावजूद अप्रैल और मई 2021 में यूएसबीआरएल परियोजना के अंतर्गत सराहनीय कार्य किया गया है। उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के कारण हुए समय के नुकसान की भरपाई के लिए आने वाले महीनों में अतिरिक्त प्रयास करने के निर्देश दिए।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री दीपक कुमार ने बताया कि माननीय रेलमंत्राी को अवगत कराया गया कि वर्ष 2021-22 के लिए यूएसबीआरएल परियोजना का बजट 4200 करोड़ रुपए है। माननीय मंत्री ने निर्देश दिये है कि इस परियोजना के लिए बजट की कोई बाधा नहीं होगी।
परियोजना के बारे में
उन्होने बताया कि कश्मीर घाटी को देश के शेष भागों से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-बारामूला रेल लिंक परियोजना को वर्ष 2002 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। इस परियोजना के 272 किलोमीटर में से 161 किलोमीटर पर कार्य पूरा कर उसे चालू कर दिया गया है। तीन चरणों में उप-विभाजित कार्य की स्थिति के अनुसार उधमपुर-कटरा 25 किलोमीटर जुलाई 2014 में प्रारम्भ किया गया, काजीगुंड-बारामूला 118 किलोमीटर अक्टूबर 2009 में प्रारम्भ किया गया तथा बनिहाल-काजीगुंड 18 किलोमीटर जून 2013 में एवं कटरा-बनिहाल 111 किलोमीटर प्रगति पर है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का कटरा-बनिहाल सेक्शन
उन्होने बताया कि111 किलोमीटर के कटरा-बनिहाल सेक्शन का कार्य प्रगति पर है तथा 111 किलोमीटर के इस सेक्शन का 87 प्रतिशत, जोकि 97 किलोमीटर है, जिसमें मुख्य रूप से सुरंगों के निर्माण का कार्य शामिल है। इस सेक्शन पर बनाई जा रही टी-49 सुरंग की अधिकतम लंबाई 12.75 किलोमीटर है। यहाु पर 27 मुख्य सुरंगें बनाई जा रही हैं जिनकी लंबाई कुल मिलाकर 97.6 किलोमीटर है। इसके अलावा 66.4 किलोमीटर की एस्केप सुरंगों का निर्माण भी किया जा रहा है। इस प्रकार इस सेक्शन पर कुल मिलाकर 164 किलोमीटर सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें टी-49 सुरंग 12.75 किलोमीटर की है। 7 किलोमीटर की संयुक्त लंबाई वाले 37 पुलों सहित 26 बड़े और 11 छोटे पुल हैं। वर्तमान में 13 बड़े और 10 छोटे पुलों का कार्य पूरा कर लिया गया है और शेष का कार्य प्रगति पर है। इन पुलों में प्रतिष्ठित चिनाब ब्रिज (कुल लंबाई 1315 मीटर, आर्कस्पैन 467 मीटर और नदी तल से ऊँचाई 359 मीटर) शामिल है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल होगा। चिनाब पुल का आर्क लाॅन्चिंग का कार्य 5 अप्रैल 2021 को पूरा हुआ। अंजी खड्ड पर भारतीय रेलवे का पहला केबल स्टेड ब्रिज भी बनाया जा रहा है और मुख्य पायलन के 193 मीटर में से 130 मीटर को कास्ट किया जा चुका है। अंजी ब्रिज के एक सहायक पुल के हिस्से का कार्य पूरा हो चुका है। अन्य प्रमुख पुलों में पुल संख्या 39 और 43 की लांचिंग प्रगति पर है और क्रमशः 310 मीटर और 260 मीटर की लाॅंचिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है।
अप्रैल 21 और मई 21 के दौरान हासिल की गयी प्रमुख उपलब्धियां
उन्होनेे बताया कि चिनाब ब्रिज दुनिया के सबसे ऊँचे रेल पुल का आर्क क्लोजर अप्रैल 2021 में किया गया था। अप्रैल 2021 में 58 एमटी और मई 2021 में 163 एमटी की लाॅंचिंग की गइ है। इस प्रकार कुल 10619 मीट्रिक टन की लाॅंचिंग की गयी है। हालांकि कोविड के बढ़ते मामलों के कारण,  इस पुल के कौड़ी छोर के आसपास के क्षेत्र को हाल ही में कुछ प्रतिबंधों को लागू करते हुए एक माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। इसी प्रकार अंजी ब्रिज मे नपाइलोन कंक्रीटिंग अप्रैल 2021 में 4 मीटर और मई 21 में 4 मीटर लिफ्ट किया गया। इस प्रकार मुख्य पायलन के 193 में से 130 मीटर का कार्य पूरा कर लिया गया है। कुल मिलाकर 55 मीटर के सेगमेंटों की असेंबली और 30 मीटर की लांचिंग कर ली गयी है। रियासी क्षेत्रा में पुल संख्या 39 पर अप्रैल और मई 2021 में 32 मीटर की लांचिंग का कार्य किया गया। बक्कल (रियासी) क्षेत्र में अप्रैल 2020 में 42.5 मीटर और मई 2021 में 9 मीटर की लंबाई तक लाॅंचिंग की गयी। अप्रैल 2021 में 1.46 मीटर टनल माइनिंग और मई 21 में 0.78 किलोमीटर सुरंग खनन किया गया।
2020-21 की प्रमुख उपलब्धियां
उन्होने बताया कि वर्ष 2020-21 में कुल 14.97 किलोमीटर सुरंग खनन किया गया। 5093 मीटर लंबी सुरंग टी-2 का ब्रेकथ्यू 3 अगस्त 2020 को किया गया। इसी प्रकार 3 अक्टूबर 2020 को 8.6 किलोमीटर लंबी सुरंग संख्या टी-74आर (मुख्य सुरंग) का ब्रेकथ्यू किया गया। यह पीरपंजाल सुरंग के बाद यूएसबीआरएल परियोजना पर निर्मित दूसरी सबसे लंबी सुरंग है। 05 दिसम्बर 2020 को 7.41 किलोमीटर लंबी सुरंग टी-74 आर (एस्केप सुरंग) का ब्रेकथ्यू किया गया। उन्होने बताया कि माह अक्टूबर 2020 में पुल संख्या 88 को पूरा किया गया, नवंबर 2020 में पुल संख्या 138 को पूरा किया गया तथा मार्च 2021 में पुल संख्या 59 को पूरा किया गया। इस वित्तीय वर्ष के दौरान कुल 15480 मीट्रिक टन का पुल निर्माण हासिल किया गया जोकि वित्तीय वर्ष में अब तक का रिकाॅर्ड उच्चतम निर्माण है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 15520 मीट्रिक टन के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया, जोकि  वित्तीय वर्ष में अब तक की रिकाॅर्ड उच्चतम लाॅंन्चिंग है।
उन्होने बताया कि निविदा स्थिति के तहत फरवरी 2021 से केआरसीएल और इरकाॅन ने क्रमशः 580 करोड़ और 32.80 करोड़ रुपए की निविदाओं को अंतिम रूप दिया है। इसके अलावा क्रमशः 915 करोड़ और 234 करोड़ रुपए की निविदाएं इरकाॅन और केआरसीएल द्वारा आमंत्रित की गयी हैं। माननीय रेलमंत्री को अवगत कराया गया है कि शेष 435 करोड़ रुपए की बकाया निविदा के लिए जून 2021 में जारी होने वाली एनआईटी की प्रतीक्षा है, जिससे परियोजना के निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में तेजी आएगी।
बनिहाल-बारामूलासेक्शन का विद्युतीकरण
उन्होने बताया कि बनिहाल से बारामूला तक 136 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पहले ही चालू हो चुकी है और इसके विद्युतीकरण का कार्य भी स्वीकृत हो चुका है। सभी निविदाएं प्रदान कर दी गई हैं और एस एंड टी योजनाओं को भी मंजूरी दे दी गई है और कार्य प्रगति पर है। बनिहाल-बारामूला सेक्शन पर रेलवे विद्युतीकरण कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य मार्च 2022 है तथा परियोजना के पूरा होने की तिथि अप्रैल 2023 है।


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