भीलवाड़ा: संगम यूनिवर्सिटी, भीलवाड़ा में डीएसटी राजस्थान समर्थित राष्ट्रीय संगोष्ठी ऑन आईपीआर, पेटेंट एवं डिज़ाइन फाइलिंग का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन समारोह के साथ हुई।प्रो. राकेश भंडारी ने संगोष्ठी की विस्तृत जानकारी देते हुए बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) की जागरूकता और सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से आईपीआर फाइलिंग प्रक्रिया और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर चर्चा की।मुख्य अतिथि डॉ. गिरधारी लाल गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि आईपीआर की अवधारणा वैदिक काल से जुड़ी हुई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बौद्धिक संपदा अधिकार न केवल जीवन को बेहतर बनाते हैं बल्कि आत्म-प्रतिस्पर्धा को प्रेरित करते हैं और सही दिशा में बदलाव लाने में सहायक होते हैं।
तकनीकी सत्र में, प्रो. मानस रंजन पाणिग्रही (प्रो-वाइस चांसलर, सांगम यूनिवर्सिटी) ने बेहतर सीखने और शोध के लिए मुक्त शैक्षिक संसाधन (OER) विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने क्रिएटिव कॉमन्स प्रतीक और इसके उपयोग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया,इसके बाद, कुलपति प्रो. करुणेश सक्सेना ने औद्योगिक संपदा, साक्षरता और कलात्मक कार्यों पर चर्चा की और बताया कि कैसे बौद्धिक संपदा अधिकार नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस फंडिंग के लिए डॉ. पंकज सेन और सांगम यूनिवर्सिटी की डीन प्रो. डॉ. प्रीति मेहता द्वारा विशेष प्रयास किए गए, जिससे इस संगोष्ठी का सफल आगाज संभव हुआ।यह संगोष्ठी 28-29 मार्च 2025 तक चलेगी, जिसका उद्देश्य शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों को पेटेंट फाइलिंग और डिज़ाइन सुरक्षा की विस्तृत जानकारी देना है, जिससे नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिल सके।