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प्राधिकरण सचिव द्वारा सम्प्रेषण गृह का किया औचक निरीक्षण

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24 Jun 22
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कई खामियां व अनियमितता पाई

प्राधिकरण सचिव द्वारा सम्प्रेषण गृह का किया औचक निरीक्षण

प्रतापगढ/   माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देषानुसार राजकीय सम्प्रेक्षण एवं किशोर गृह लुहारिया का प्राधिकरण सचिव, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश शिव प्रसाद तम्बोली ने किषोर गृह समिति के सदस्य अधिवक्ता रमेषचन्द्र षर्मा ’द्वितीय‘ के साथ  निरीक्षण किया गया। सम्प्रेषण गृह में विधि से संघर्षरत (बाल अपचारी) कुल ०८ बालक मिले तथा निराश्रित कुल ०४ बच्चे पाये गये, षिषु गृह में कोई बच्चा नहीं था। 
        दौराने विजिट सम्प्रेषण गृह, किशोर गृह गृह में बच्चों के रहने, खाने-पीने, आदि के आदि सुविधाओं का जायजा लिया तथा साफ सफाई व्यवस्था देखी गई। एक निराश्रित बालक का स्कूल में दाखिला करवाने हेतु पूर्व निरीक्षण के दौरान निर्देश दिया गया था, किन्तु आज दिनांक तक भी उक्त बालक का दाखिला स्कूल में नहीं करवाया गया। दौराने निरीक्षण कईं कार्मिक अनुपस्थित पाये गये। जिनके उपस्थिति रजिस्टरों का अवलोकन किया गया, जिसमें पाया गया कि पूर्व में भी कुछ कार्मिकों के उपस्थिति रजिस्टर में अनुपस्थिति मार्क होने के बावजूद उक्त कर्मियों ने अनुपस्थिति मार्क पर ही हस्ताक्षर कर दिये। गृह में बाल अपचारी सभी ०९ः३० बजे तक सोये हुए पाये गये। प्राधिकरण सचिव के पहचने पर उपस्थित गार्ड उन्हें बाहर से जोर से आवाज देकर जगा रहा था। बाल अपचारियों के कक्षों के निरीक्षण में साफ-सफाई व्यवस्था भी माकूल नहीं पाई गई, बिस्तर तकिये आदि भी काफी गन्दे होकर अधिकतर फटे हुए थे। जिस पर प्राधिकरण सचिव ने उपस्थित स्टॉफ को उक्त व्यवस्थाओं में तुरन्त सुधार हेतु सख्त निर्देष दिये। उपस्थित बच्चों से रूबरू होते हुए मीनू चार्ट अनुसार उनके खाने पीने के संबंध में जानकारी ली, तो पाया गया कि मीनू चार्ट का भी पालन नहीं किया जा रहा है 

और बच्चों को दूध भी नहीं दिया जा रहा है। गृह हेतु नियुक्त सामाजिक कार्यकर्ता राजश्री की उपस्थिति के बारे में उपस्थित स्टॉफ से जानकारी में आया कि उन्होनें उक्त कार्यकर्ता को सम्प्रेक्षण गृह में आज तक देखा ही नहीं। रजिस्टर के अवलोकन से भी सामने आता है कि अनुपस्थिति लगभग एक माह की दर्ज हो जाने के बावजूद भी दर्ज अनुपस्थिति पर ही हस्ताक्षर किये हुए हैं। उक्त समस्त तथा साथ ही अन्य कईं खामियों के संबंध में जिला कलक्टर को अवगत कराया गया। सहायक निदेषक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को भी जरिये दूरभाश सम्फ कर अवगत कराने के लिये उपस्थित स्टॉफ के जरिये कई बार प्रयास किये गये किन्तु उनके द्वारा कॉल रिसीव नहीं किया गया। 
 


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