उदयपुर: विश्व किडनी दिवस के अवसर पर भारत में कि डनी बीमारी की बढ़ती समस्या को पहचानना और समय रहते इसका पता लगाना तथा देखभाल के प्रति जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी हो जाता है। क्रोनिक किडनी रोग (CKD) भारतीय आबादी के लगभग 10% लोगों को प्रभावित करता है, हर साल किडनी फेल होने के एक लाख से ज्यादा केस सामने आते हैं। दुख की बात है कि गंभीर किडनी रोग से पीड़ित 90% लोग इसलिए मर जाते हैं क्योंकि वे इलाज का खर्च नहीं उठा पाते हैं। इसके अलावा किडनी रोग से हृदय संबंधी समस्याओं के होने का भी खतरा बढ़ जाता है। हालाँकि बहुत से लोग अभी भी किडनी के स्वास्थ्य के बारे में नहीं जानते हैं, जिसके कारण अक्सर डायग्नोसिस में देरी होती है और इलाज़ सफल नहीं हो पाता है। किडनी की बीमारी का जल्दी पता लगाना और स्वस्थ लाइफस्टाइल में बदलाव करना कि डनी की समस्याओं के खतरे को कम करने के लिए बहुत जरूरी है। नियमित जांच, खासकर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या किडनी की बीमारी के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों के लिए बीमारी को जल्दी पहचानने और समय पर इलाज़ शुरू करने में मदद कर सकती है। संतुलित डाइट खाने, पर्याप्त पानी पीने, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, नमक कम खाने और शारीरिक रूप से सक्रिय रहने जैसे सरल बदलाव आपकी किडनी को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही डिजिटल हेल्थ प्लेटफ़ॉर्म लोगों के लिए किडनी की बीमारी के बारे में जानने और टेलीमेडिसिन सपोर्ट जहां पर स्वास्थ्य सेवाएँ कम हैं, वहां मदद पहुंचाने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। पारस हेल्थ उदयपुर में नेफ्रोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. आशुतोष सोनी ने कहा, "किडनी की बीमारी अक्सर अपने शुरुआती स्टेज में नहीं पता चलती है, इस वजह से नियमित जांच कराते रहना जरूरी हो जाता है। बहुत से लोग तब तक अपनी बीमारी से अनजान रहते हैं जब तक कि उन्हें काफी नुकसान नहीं हो जाता है। किडनी के स्वास्थ्य के बारे में शिक्षा को बढ़ावा देकर और नियमित जांच को प्रोत्साहित करके हम जटिलताओं को रोक सकते हैं और मरीज के इलाज के परिणामों में सुधार कर सकते हैं। इस विश्व किडनी दिवस पर हम सभी से किडनी की देखभाल के लिए सक्रिय कदम उठाने का आग्रह करते हैं, क्योंकि रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है।” किफायती और गुणवत्तापूर्ण किडनी देखभाल तक पहुँच एक चुनौती बनी हुई है, खास तौर पर आर्थिक रूप से कमज़ोर समुदाय अभी भी किडनी का इलाज कराने से जूझते हैं। हेल्थकेयर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, शीघ्र डायग्नोसिस में सुधार करना और किडनी के स्वास्थ्य के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना प्रमुख प्राथमिकताएँ होनी चाहिए। इस विश्व किडनी दिवस पर आइए हम किडनी के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हों कि समय पर हस्तक्षेप और निवारक उपाय सभी के लिए सुलभ हों।