उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पिम्स हॉस्पिटल उमरड़ा में चिकित्सकों ने सात वर्ष के बच्चे की अत्यंत दुर्लभ सफल सर्जरी की है। पीडियाट्रिक सर्जन अतुल मिश्रा ने बताया कि सलूंबर निवासी एक बच्चे को परजीवी जुड़वा (हेटेरोपेगस पैरासिटिक कंजोइंट ट्वीन) बीमारी के चलते पिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।इस सर्जिकल बीमारी में आपस में शरीर जुड़े हुए जुड़वा होते हैं। इसमें एक पूरा विकसित होता है जबकि दूसरा विकसित नहीं हो पाता है। इसमें शरीर का एक हिस्सा, अधिकतर निचला हिस्सा दूसरे सामान्य जुड़वा शिशु से चिपका रह जाता है। इस परजीवी अर्ध विकसित शिशु का स्वयं का कोई जीवन नहीं होता पर एक बड़ी गांठ की तरह शरीर से चिपका रहता है और उसी की रक्त वाहिनियों से खून लेता है। सामान्य शिशु के लिए यह एक बहुत बड़ी कष्टदायक व भद्दी दिखने वाली गांठ की तरह होता है। यह गांठ छाती, पेट अथवा कूल्हे से चिपकी हो सकती है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह बीमारी गर्भावस्था के दौरान जटिल गड़बड़ी हो जाने के कारण होती है। यह बीमारी इतनी दुलर्भ है कि 5 से 10 लाख नवजात में से किसी एक के होते है। इस बच्चे के यह परजीवी जुड़वा गांठ मल द्वार के पास थी। इसको अलग करने की प्रक्रिया में अंगों के अलावा रक्त वाहिनियों का विशेष ध्यान रखना होता है। लगभग तीन घंटे चली प्रक्रिया में लगभग 1.75 किलो परजीवी शिशु गांठ को अलग किया गया। इस प्रक्रिया में निश्चेतना विभाग की डॉ. कमलेश, डॉ. गणेश गुप्ता, डॉ. त्यागी, पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. विवेक पाराशर, डॉ. खत्री, स्टाफ अरूण, कुलदीप आदि ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पिम्स के चैयरमेन आशीष अग्रवाल ने बताया कि बच्चे का पूरा इलाज मुख्यमंत्री निशुल्क चिकित्सा योजना के तहत निशुल्क किया गया। बच्चा अब पूर्णतया स्वस्थ है।