उदयपुर। पेसिफिक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पिम्स ) हॉस्पिटल, उमरड़ा ने तम्बाकू मुक्ति केन्द्र की शुरूआत हुई है। यह केंद्र उन लोगों की मदद करेगा जो निकोटीन (तंबाकू) छोडऩा चाहते हैं। इस केंद्र का उद्घाटन उप-कुलपति डॉ. प्रकाश नाहर, प्राचार्य डॉ. सुरेशचंद्र गोयल और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. चंद्रा माथुर ने किया। यह केंद्र पिम्स अस्पताल की इमरजेंसी और रजिस्ट्रेशन सेवाओं के पास, कमरा नंबर 7 में खुला है।
केंद्र के नोडल अधिकारी प्रोफेसर प्रवीण खैरकर, सहायक नोडल अधिकारी डॉ. प्रणवकुमार हैं। मनोचिकित्सक डॉ. आर्चिश खिवसारा और डॉ. रोहन मोदी लोगों की मदद करेंगे। केंद्र की समन्वयक डॉ. मानसी शर्मा मरीजों की देखभाल करेंगी। मनोवैज्ञानिक इंद्रपाल सालवी परामर्श देंगे। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता ताराचंद मरीजों और अस्पताल के बीच संपर्क स्थापित करेंगे। पिम्स का यह केंद्र न केवल सामान्य मरीजों, बल्कि सभी मेडिकल छात्रों को भी स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा। यह पहल स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने में मदद करेगी
यह पहल स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा की सोच से शुरू हुई है। उनका उद्देश्य युवाओं को निकोटीन के हानिकारक प्रभावों से मुक्त करना है। भारत में तंबाकू के कारण हर साल 12 लाख लोगों की मृत्यु होती है यानी हर दिन 3700 लोग। पिम्स का यह केंद्र तंबाकू छोडऩे के कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें देशभर के मेडिकल कॉलेज मिलकर काम कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में मरीजों के लिए फॉलो-अप और टेलीफोन पर सलाह की सुविधाएं भी होंगी। इस केंद्र का उद्घाटन दिल्ली में लैंप लाइटिंग समारोह के साथ हुआ, जिसमें सभी मेडिकल कॉलेजों ने भाग लिया।