उदयपुर। प्लास्टिक को कहे ना और महिला सशक्तिकरण जागरुकता अभियान की शुरूआत शनिवार को पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा के सहयोग से राहड़ा फाउंडेशन और राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा 10 हजार से ज्यादा कपडे से बने बैग वितरण के साथ हुई। इस मौके पर कॉमर्स कॉलेज के बाहर गवरी कार्यक्रम के दौरान 300 से ज्यादा बैग गवरी कलाकारों और दर्शकों को बांटे गए।
नेहरु हॉस्टल में आयोजित समारोह में राहडा फाउंडेशन की संस्थापक अर्चनासिंह चारण ने कहा कि पर्यावरण को बचाने और महिलाओं को सशक्त करने के इस कार्य में पिम्स हॉस्पिटल उमरड़ा के चेयरपर्सन आशीष अग्रवाल, निदेशक शीतल अग्रवाल, डॉ. देवेन्द्र जैन तथा प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों द्वारा दिया गया सहयोग अभूतपूर्व है। श्रीमती चारण ने कहा कि जिस बड़ी मात्रा में प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल हो रहा है उससे पर्यावरण को जो नुकसान हो रहा है, उसे रोकने के लिए यह अभियान शुरु किया है। उदयपुर आने वाला प्रत्येक पर्यटक यहां की एक सुंदर छवि अपने साथ लेकर जाए। उन्होंने बताया कि प्रारंभ में 10 हजार कपड़े के बैग वितरण करने से इस वृहद अभियान की शुरुआत की गई है जिसे पिम्स हॉस्पिटल, उमरड़ा का पूरा सहयोग मिला है। हमारा प्रयास रहेगा कि लेकसिटी में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रशासन के साथ आम जनता भी जागरुक हो, जिससे शहर सुंदर और स्वस्थ विकास की ओर अग्रसर रहे। कपड़े के बैग बनाने का काम सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के फैशन डिजाइन विभाग को दिया गया। महिलाओं को ही बैग बनाने रोजगार दिया गया है जिससे महिलाएं भी सशक्त हो रही हैं।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आरओ शरद सक्सेना, डॉ. उदित सोनी ने कहा कि आज सबसे ज्यादा जरुरत पर्यावरण को सुरक्षित रखने की है। तभी हमारी आने वाली पीढिय़ां सुरक्षित रह पाएंगी। प्रदूषण नियंत्रण मंडल इसके लिए विभिन्न माध्यमों से काम कर रहा है। समारोह में आरएनटी मेडिकल कॉलेज की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. अलका अग्रवाल, समाजसेवी डाक्टर मीनाक्षी गर्ग ने इस अभियान को आगे बढाने में अपना पूरा समर्थन दिया और कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए महिलाओं को आगे लाने के भरपूर प्रयास किए जाएंगे। कार्यक्रम में डोली मोगरा, रेखा पुरोहित, सरला अग्रवाल व जुली शर्मा ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के समापन पर अतिथियों को पौधे व मोमेंटो प्रदान कर उनका सम्मान किया गया।