उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक तीन महीने के शिशु का कोलेडोकल सिस्ट नामक बीमारी का सफल ऑपरेशन किया गया। इस सफल ऑपरेशन में बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर,डॉ.अर्पित ओबराय,डॉ.प्रकाश औदिच्य,डॉ.प्रशान्त,डॉ.पुनीत,डॉ.सन्नी,डॉ.पलक,विष्णू,संजय एवं मनीष की टीम का सहयोग रहा।
दरअसल डूॅगरपुर जिले के महादेवफला निवासी 3 महिने के दीपांश पिछले डेढ़ महिने से पेट दर्द और लगातार उल्टी की समस्या के कारण परेशान था। परिजनों स्थानीय चिकित्सक को दिखाया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। परिजन बच्चें को भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक अस्पताल लेकर आए जहॉ बच्चें कों डॉ.प्रवीण झंवर को दिखाया तो बच्चें की आवश्यक जॉच एवं एमआरआई की गई तो बच्चे के पित्त नली में असामान्य रूप से सूजन थी,जिसे कोलेडोकल सिस्ट कहा जाता है। जिसका की ऑपरेशन द्वारा ही उपचार सम्भव था।
बच्चे को बचाने के लिए डॉक्टरों ने तुरंत सर्जरी करने का निर्णय लिया। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने एक्सप्लोरेटरी लैप्रोटॉमी के जरिए कोलेडोकल सिस्ट को हटाने के साथ कोलेसिस्टेक्टॉमी और हेपेटोडुओडेनोस्टोमी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की। यह एक जटिल और जोखिम भरा ऑपरेशन था, लेकिन पीएमसीएच के कुशल सर्जनों ने इसे सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
पीएमसीएच के बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर ने बताया कि यह एक दुर्लभ जन्मजात समस्या होती है,जिसमें पित्त की नली असामान्य रूप से बढ़ जाती है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है। डॉ.झंवर ने बताया कि कोलेडोकल सिस्ट एक दुर्लभ लेकिन गंभीर समस्या है, जो नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में देखी जाती है। समय पर इसका पता लगाकर सर्जरी कर दी जाए तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है। यदि छोटे बच्चों में बार-बार पेट दर्द, उल्टी या पीलिया जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ.पलक जैन ने बताया कि सर्जरी के बाद शिशु को पीडियाट्रिक आईसीयू में रखा गया,जहां उसकी लगातार निगरानी की गई। ऑपरेशन के बाद बच्चे की हालत स्थिर रही और उसे किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या नहीं हुई। आईसीयू और वार्ड में कुछ दिनों के देखभाल के बाद बच्चे को पूरी तरह स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। मरीज के परिजनों ने पीएमसीएच के चेयरमैन राहुल अग्रवाल,सभी चिकित्सकों,मैनेजमेंट, नर्सिंग कर्मियों एवम् स्टॉफ का आभार जताया।