उदयपुर, पुणे में आयोजित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय चेस्ट सम्मेलन, नेपकोन (NAPCON) में पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, उदयपुर के प्रसिद्ध टीबी एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. अतुल लुहाड़िया को फैकल्टी के रूप में आमंत्रित किया गया। इस सम्मेलन में देशभर के श्वसन और फेफड़ों से संबंधित रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों, नवीनतम शोध, और उपचार तकनीकों पर गहन चर्चा की।
सम्मेलन के दौरान, डॉ. लुहाड़िया ने नॉन-ट्यूबरकुलर माइकोबैक्टेरिया (एन.टी.एम.) पर पैनल डिस्कशन में भाग लिया। उन्होंने बताया कि यह रोग टीबी से काफी मिलता-जुलता है, लेकिन इसके कारण और उपचार प्रक्रिया में अंतर होता है। एन.टी.एम. संक्रमण मुख्य रूप से उन मरीजों को प्रभावित करता है जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर होता है या जिन्हें पुरानी फेफड़ों की बीमारियाँ होती हैं, जैसे ब्रोंकिइक्टेसिस या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)। डॉ. लुहाड़िया ने बताया कि इसका सही समय पर निदान और उचित इलाज जरूरी है, क्योंकि यह लंबी अवधि तक चलने वाला जटिल संक्रमण हो सकता है।
इसके अतिरिक्त, डॉ. लुहाड़िया ने इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी सिम्पोजियम में भी विषय विशेषज्ञ के रूप में योगदान दिया। उन्होंने बताया कि आधुनिक ब्रोंकोस्कोपी तकनीक से श्वसन नलिका में फंसी बाहरी वस्तु या ट्यूमर को बिना सर्जरी के सुरक्षित तरीके से निकाला जा सकता है। यह विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए अत्यंत लाभकारी है।