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लोहे की वस्तु निकालकर बचाई आंखों की रोशनी

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18 Dec 24
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लोहे की वस्तु निकालकर बचाई आंखों की रोशनी

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, भीलों का बेदला, उदयपुर ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। नाक, कान और गला (ईएनटी) विभाग की टीम ने 38 वर्षीय खेमा राम के मस्तिष्क के पास पहुंची लोहे की वस्तु को निकालकर उनकी आंखों की रोशनी और जान बचाने में सफलता प्राप्त की।

इस जटिल ऑपरेशन का नेतृत्व ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिव शंकर कौशिक ने किया, जिनके साथ एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. रविंद्र, डॉ. दिनेश और उनकी टीम ने मिलकर दूरबीन विधि का उपयोग करते हुए ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

दुर्घटना की गंभीरता

नागौर जिले के रहने वाले खेमा राम देवगढ़ की एक खदान में कार्य करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जब एक लोहे का टुकड़ा उनकी आंख को चीरते हुए शरीर के भीतर घुस गया। उन्हें तत्काल स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें पेसिफिक मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

जटिल ऑपरेशन और सफलता

डॉ. शिव शंकर कौशिक ने मरीज की जांच के बाद पाया कि लोहे का टुकड़ा नाक की हड्डी को भेदकर मस्तिष्क के बेहद करीब पहुंच चुका था। यह स्थिति न केवल आंखों की रोशनी बल्कि मरीज की जान के लिए भी घातक थी। टीम ने तुरंत ऑपरेशन की तैयारी की और दूरबीन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बिना चीरा लगाए नाक के रास्ते लोहे का टुकड़ा सफलतापूर्वक बाहर निकाल दिया।

समय पर निर्णय और टीमवर्क की सफलता

डॉ. कौशिक ने बताया कि इस तरह की सर्जरी में समय पर निर्णय लेना और सही तकनीक का उपयोग करना बेहद जरूरी होता है। आधुनिक उपकरणों और टीम के सामूहिक प्रयास से मरीज की जान और आंखों की रोशनी बचाई जा सकी। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है।

मरीज के परिवार ने अस्पताल के चेयरमैन राहुल अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमन अग्रवाल, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ का आभार व्यक्त किया।


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