राजस्थान की भजनलाल सरकार ने पिछली सरकार में बने कुल 50 नए जिलों में से 9 जिलों को मूल जिलों में मर्ज करने और 3 संभागों को मूल सात संभागों में मर्ज करने के बाद अब नई जरूरतों के अनुसार प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन की कवायद भी शुरू कर दी है। इसके लिए फिर एक बार सेवानिवृत आईएएस अधिकारी ललित के पंवार पर ही भरोसा जताया गया है। उन्हें राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग ने राजस्व इकाइयों की सीमाओं या क्षेत्राधिकार में बदलाव की अनुशंसा के लिए राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन कमेटी का गठन किया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड अधिकारी ललित के पंवार की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी 6 माह में प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन सम्बन्धी अपनी अनुशंसा और रिपोर्ट देंगी। यह कमेटी प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं और क्षेत्राधिकार में बदलाव की अनुशंसा करेगी। प्रमुख सचिव राजस्व विभाग और निबंधक, राजस्व मंडल सदस्य होंगे। सेवानिवृत्त आरएएस राज नारायण शर्मा की कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है।
यह कमेटी नई राजस्व इकाइयों संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांत बताएगी। साथ ही प्रशासनिक इकाइयों की पद संरचना और उनके आकार को लेकर अनुशंसा करेगी। कार्यों के अनुपात में पदों की जरूरत के मद्देनजर प्रशासनिक इकाइयों, राजस्व न्यायालयों की पदीय संरचना की अनुशंसा करेगी। साथ ही भौगोलिक परिस्थितियों, जन अपेक्षाओं के अनुरूप सुलभ प्रशासन के मकसद से अपनी अनुशंसा भी करेंगी। साथ ही जिलेवार राजस्व इकाइयों के सृजन और पुनर्गठन संबंधी अनुशंसा भी देंगी।
यह कमेटी राजस्व इकाइयों के पुनर्गठन के लिए संबंधित संभागों और जिलों का भ्रमण करेगी
तथा इनकी दक्षता बढ़ाने के लिए सुझाव लेकर अपनी अनुशंसा करेंगी। इस समिति का कार्यकाल 6 माह का होगा और इसका प्रशासनिक विभाग राजस्व विभाग होगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े प्रदेश राजस्थान का एक बार फिर भूगोल और नक्शा बदलेगा?