*श्रद्धालुओं ने कथा व्यास भाईश्री रमेश भाई ओझा के साथ भाव विभोर हो कर मनाई राम नवमी*
* श्रेष्ठ मानव बन मानवता के लिए कार्य करने का संकल्प लेने में ही राम कथा श्रवण और मानव जीवन की सार्थकता-कथा व्यास भाईश्री रमेश भाई ओझा*
नई दिल्ली। विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास भाईश्री रमेश भाई ओझा ने कहा कि श्रेष्ठ मानव बन और मानवता के लिए कार्य करने का संकल्प लेने में ही राम कथा श्रवण और मानव जीवन की सार्थकता है।उन्होंने कहा कि अहंकार को जड़ से समाप्त करने का दृढ़ संकल्प और भगवान श्रीराम के आदर्शों को जीवन आचरण में उतारे बिना कोई राम कथा सार्थक नहीं हो सकती । कथा व्यास भाईश्री रमेश भाई ओझा ने श्रद्धालुओं के साथ भाव विभोर हो कर राम नवमी का पर्व मनाया गया।साथ ही अपने निज हरि मन्दिर पोर बंदर में राम प्राकट्य के अवसर पर हुई पूजा का सजीव प्रदर्शन भी देखा ।
दिल्ली के पंजाबी बाग जन्माष्टमी स्टेडियम में आयोजित एकल श्री राम कथा के अन्तिम दिन श्रद्धालुओं को कथा का अमृतपान कराते हुए कथा व्यास भाईश्री रमेश भाई ओझा ने कहा कि काम,क्रोध,लोभ और मद को त्यागना ही राम चरित मानस का सारांश है ।आज की पीढ़ी को रामायण के पात्रों की ऊँचाईयों एवं चरित्रों को देख कर उनसे बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है । उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे नशे की बुरी लत का नहीं बल्कि श्री राम कथा के नशे की लत लगा कर अपने जीवन को धन्य करे तथा बिना रास्ता भटकें एक निश्चित लक्ष्य बना अपने जीवन में आगे बढ़े। मोह के वश में आकर और कर्तव्य से भटकाव होने पर वह कभी सफल नहीं हो पायेगा।उन्होंने कहा कि आहार शुद्ध होगा तो मन भी शुद्ध रहेगा तथा मनुष्य गलत रास्तों को नहीं अपनाएगा ।
ओझाजी ने कहा कि ज्ञान से अज्ञान बहुत बड़ा होता है क्योंकि,एक दिया बहुत छोटे से क्षेत्र को आलोकित करता है लेकिन,परमात्मा रूपी दीपक का पूर्ण ज्ञान अर्जित कर अज्ञान के बहुत बड़े अन्धकार को समाप्त किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि हर किसी के लिए मन,बुद्धि,अहंकार आदि से जुड़ी बुराइयों को जड़ से मिटा कर और अपने ईश्वर में चित को लगा कर सकारात्मक होना ही शाश्वत ज्ञान है तथा राम तत्व को अंगीकार करना अहंकार से मुक्ति का सटीक मार्ग है। प्रखाण्ड पंडित रावण को भी उसके अहंकार ने ही मारा था ।
एकल श्री राम कथा के नवें और आखिरी दिन श्रद्धालुओं को राम कथा के विभिन्न प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने बहुत ही सुन्दर ढंग से सीता स्वयंवर में भगवान परशुराम के आगमन तथा शिव धनुष भंग होने पर उनके क्रोधित होने तथा लक्ष्मण जी से वाद विवाद के प्रसंग को सुनाया और बताया कि वेदों में मौजूद तथ्यों के अनुसार तीन राम हुए स्वयं भगवान श्री राम, भगवान परशुराम और कृष्ण काल में भी परशुराम का वर्णन मिलता है क्यों कि वे चिरंजीव है । शिव धनुष भंग होने के साथ ही परशुराम जी द्वारा विष्णु शस्त्र को श्री राम को ही पुनः लौटाने से परशुराम की निवृति होने तथा इससे पूर्व ताड़का वध,अहिल्या का उद्गार शिव धनुष भंग आदि प्रसंगों की प्रासंगिकता की खूबसूरती से व्याख्या की ।साथ ही दशरथ जी के चार पुत्रों श्री राम,भरत ,लक्ष्मण और शत्रुघ्न से राजा जनक की सीताजी सहित अन्य चार पुत्रियों के विवाह का सुन्दर आख्यान भी सुनाया ।
कथा व्यास ने भगवान श्री राम के साथ ही भगवान महावीर और भगवान गौतम बुद्ध के अहिंसा,करुणा और निर्वाण को प्राप्त करने का सन्देश भी सुनाया तथा बताया कि दोनों अवतार समकालीन थे । इसी तरह आदि शंकराचार्य ने भी सभी मनुष्यों को ब्रह्म को माध्यम बना जीवन के दुःख मिटाने की अवधारणा बताई । उन्होंने कहा कि सभी प्राणी अपने जीवन में सुख चाहते हैं और दुःखों का अंत चाहते है लेकिन फिर भी हर किसी को अपने अपने हिस्से का दुःख भोगना ही पड़ता है लेकिन जो ब्रह्म के अद्वेत सिद्धान्त एवं देवों के देव शिव जी तथा हरि कथा अनन्त है को जानने एयर समझने का प्रयास करते है उन्हें,मोक्ष पाने से कोई रोक नहीं सकता ।
उन्होंने दासी मंथरा की बातों में आकर माता कैकेयी द्वारा राजा दशरथ से राम के बदले भरत का राज्य तिलक करने तथा राम को चौदह वर्षों का वनवास मांगने के वावजूद निर्लिप्त भाव से बिना किसी शिकायत का वनवास के चौदह वर्षों में वनवासियों के राम बन रहने तथा भरत मिलाप के बाद भी माता पिता की आज्ञा पर अडिग रहने के मार्मिक प्रसंग सुनाये। साथ ही सीता जी के पतिव्रता नारी,कठोर साधना और तपस्या तथा लक्ष्मण जी के बड़े भ्राता की परछाई बन रहने के समर्पण भरत शत्रुघ्न के अटूट प्रेम तथा हनुमान जी की स्वामी भक्ति, ज्ञान, भक्ति और कर्म की विस्तृत व्याख्या की ।
कथा व्यास ओझा जी ने भगवान राम द्वारा सुग्रीव की वानर भालू सेना को साथ लेकर मेघनाद कुंभकरण और अहंकारी रावण को युद्ध में हराने तथा मृत्यु लोक पहुँचाने तथा शरणागत विभीषण को शरण देने तथा लंका विजय के बाद सीता जी जे साथ पुष्पक विमान से अयोद्धा पहुँच राम राज्य की स्थापना करने के प्रसंगों का संक्षिप्त वर्णन कर एकल श्री राम कथा का समापन किया।
उन्होंने अंत में कहा कि रामचरित मानस के आदर्शों से प्रेरणा लेने के लिए लोग हजारों वर्षों से राम कथा सुनते आ रहें है लेकिन, इसका श्रवण कर या पढ़ कर अंतःकरण में एवं जीवन में राम का प्राकट्य हों यह सबसे अधिक जरूरी बात है।ब्रह्मांड में कई आकाश गंगा हैं लेकिन सूर्य भगवान को ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत माना गया है । सूर्य भी बारह प्रकार के बतायें गए है हर सूर्य की ऊर्जा का अपना एक अलग शीतल और गर्म स्तर होता है जिसे समझने की आवश्यकता है ।ओझा जी ने कहा कि श्री राम कथा के सफल आयोजन के लिए सभी एकल कार्यकर्ताओं और सम्बद्ध सरकारी और गैर सरकारी एजेन्सियों का आभार जताया ।
*विशिष्ठ जनों ने सुनी रामकथा*
रविवार को कई विशिष्ठ जन तथा अतिथि कथा सुनने पधारे तथा उन्होंने कथा व्यास भाईश्री रमेश भाई ओझा का आर्शीर्वाद लिया।
उल्लेखनीय है कि भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2082 चैत्र नवरात्रि पर नई दिल्ली के पंजाबी बाग स्टेडियम रिंग रोड नई दिल्ली में गुजरात के सुप्रसिद्ध कथा व्यास भाईजी रमेश भाई ओझा के सानिध्य में आयोजित नौ दिवसीय इस भव्य एकल रामकथा और विशाल सहस्त्र चण्डी महायाग में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु और श्रोता पहुँचें। एकल श्री राम कथा का आयोजन एकल अभियान के अंतर्गत संचालित भारत लोक शिक्षा परिषद् द्वारा शिक्षित, स्वस्थ एवं स्वावलंबी राष्ट्र निर्माण के गौरवशाली 25 वर्ष पूर्ण होने पर मनाये जा रहें ‘रजत जयंती वर्ष’ के अन्तर्गत किया गया था।
रविवार को भी एकल अभियान पर एक वृत्त चित्र प्रदर्शन के साथ ही एकल सुरताल कलाकारों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । साथ ही एकल अभियान की पंचमुखी शिक्षा और समाज सेवा से जुड़े विभिन्न कार्यों पर एक प्रभावी पावर प्रस्तुति भी की गई और बताया गया देश में एक लाख एकल स्कूलों के माध्यम से करोड़ों बच्चों को शिक्षित एवं पंचमुखी शिक्षा संस्कार दी जा रही है ।
इस अवसर पर एकल अभियान भारत लोक शिक्षा परिषद ट्रस्ट बोर्ड के चेयरमैन लक्ष्मी नारायण गोयल, मुख्य संयोजक सुभाष अग्रवाल, ट्रस्टी ओम प्रकाश सिंघल, विनीत कुमार गुप्ता, नरेश कुमार, सुरेश कुमार जिंदल, सुरेन्द्र पाल गुप्ता, विवेक नागपाल मुख्य यजमान अनिल गुप्ता , मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन नीरज रायजादा, राष्ट्रीय प्रधान अखिल गुप्ता, राष्ट्रीय उपप्रधान संजीव टेकड़ीवाल, राष्ट्रीय महामंत्री राजीव अग्रवाल, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री सुनील गुप्ता सहित कई गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे |
कथा के दौरान प्रतिदिन 108 गांव के ब्राह्मणों द्वारा यजमानों से सहस्र चंडी महायाग में पूजा पाठ हवन आदि वैदिक कार्यक्रम हुए। रविवार को पूर्णाहुति हवन कराया गया | इस आयोजन में देश भर से कई पूज्य संत, प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ एवं सामजिक क्षेत्र के सम्मानित महानुभावों का आगमन भी हुआ। इस अवसर पर अयोध्या के भव्य एकल श्रीराम मंदिर की आलोकित आकर्षण झाँकी के प्रदर्शन के साथ ही लाइव कंप्यूटर लैब और एकल अभियान के सभी आयामों की प्रदर्शनियाँ का आयोजन भी किया गया। साथ ही राम कथा का हर एकल स्कूल में लाइव प्रसारण भी किया गया ।
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