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पुस्तकें: अध्ययन से आत्म विकास की ओर बढ़ें– डॉ. धृति सोलंकी"

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07 Apr 25
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पुस्तकें: अध्ययन से आत्म विकास की ओर बढ़ें– डॉ. धृति सोलंकी"

 
कॉलेज ऑफ कम्युनिटी साइंसेज, उदयपुर एवं कल्पवृक्ष पुस्तक क्लब के सहयोग से कॉलेज सभागार में एक साहित्यिक गोष्ठी “बुक्स एंड बियोंड: एक्सप्लोरिंग नोलेज़ थ्रू रीडिंग” का आयोजन किया गया। इसमें बुक क्लब के सदस्यों, कॉलेज के शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया।
 
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. धृति सोलंकी के प्रेरणादायक स्वागत भाषण से हुआ। उन्होंने पुस्तकों के अध्ययन की आवश्यकता उससे होने वाले आत्म विकास के महत्व पर प्रकाश डाला।
 
आईसीएआर प्रोफेसर डॉ. सुमन सिंह एवं डा. रेखा व्यास के नेतृत्व में आयोजित इस वर्कशॉप का मूल प्रयास महाविद्यालय में पठन संस्कृति को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर बल देना था। इसके पश्चात डॉ. हेमू राठौड़ ने सभी वक्ताओं एवं समीक्षकों का परिचय देते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
 
कल्पवृक रीडिंग क्लब की संस्थापिका रुचि श्रीमाली ने पुस्तकें क्यों पढ़नी चाहिए और इसके हमारे जीवन पर पढ़ने वाले सकारात्मक परिवर्तन का वर्णन किया। उनका कहना था कि बुक क्लब्स के माध्यम से हम हर आयु वर्ग के लोगों को पुस्तकों की ओर आकर्षित कर सकते हैं।

कार्यक्रम में कल्पवृक रीडिंग क्लब के सदस्यों द्वारा विविध विषयों पर पुस्तक समीक्षाएं प्रस्तुत की गईं। सुश्री देवाग्या कालरा ने “वंडर” (लेखक आर. जे. पलासियो), डॉ. आकांक्षा ने “सेंसेटिव” (लेखक जेन ग्रैनमैन एवं आंद्रे सोलो), श्रीमती पिंकी सोनी ने “एटॉमिक हैबिट्स” (लेखक जेम्स क्लियर) तथा डॉ. अंजली जुयाल ने “सदा सफल हनुमान” (लेखक डॉ. विजय अग्रवाल) पर सारगर्भित समीक्षा प्रस्तुत की।

कल्पवृक्ष रीडिंग क्लब 2 वर्ष पूर्व उदयपुर में प्रारम्भ हुआ था। यहाँ प्रतिभागियों को विभिन्न विषयों पर पुस्तकें पढ़ने और उस पर प्रस्तुति करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

आयोजन समिति में डॉ. हेमू राठौड़, डॉ. जयमाला दवे, डॉ. नेहा शेखावत, डॉ. अंजली जुयाल, एवं अवीशा, ऋतिषा, चार्वी, प्रदीप एवं रितुराज सक्रिय रूप से शामिल रहे।


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