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चूरू में पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के साथ संवाद एवं वीरगति स्मारक पर श्रद्धांजली

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22 Mar 25
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चूरू में पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के साथ संवाद एवं वीरगति स्मारक पर श्रद्धांजली

      भारतीय सेना की सप्त शक्ति कमान द्वारा पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन  26 मार्च 2025 को चूरू में किया जाएगा, जिसमें शहीदों के परिवारों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को सम्मानित किया जाएगा। इस गरिमामयी अवसर के अंतर्गत वीरगति स्मारक का लोकार्पण भी किया जाएगा, जो उन अमर वीरों को समर्पित है जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

 

       कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण भाग पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और शहीदों के परिवारों के साथ एक विशेष संवाद होगा, जहाँ वे अपने अनुभव साझा करेंगे और उनकी अमूल्य सेवा के लिए उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इस दौरान, भारतीय सेना द्वारा सम्मान चिह्न प्रदान कर उनके अद्वितीय बलिदान को नमन किया जाएगा। यह संवाद कार्यक्रम केवल श्रद्धांजलि ही नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा और बलिदान की प्रेरणा देने का भी माध्यम बनेगा।

 

       इस गरिमामयी आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह, आर्मी कमांडर, सप्त शक्ति कमान, लेफ्टिनेंट जनरल सुरेश चंद्र टांडी, महानिदेशक आयुध सेवाएँ (DGOS) तथा लेफ्टिनेंट जनरल नागेंद्र सिंह, कोर कमांडर, चेतक कोर उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से वीर नारियाँ, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को आमंत्रित किया गया है।

 

       चूरू जिले का भारतीय सशस्त्र बलों में ऐतिहासिक योगदान रहा है, जहाँ से अब तक 25,000 से अधिक लोग सेना, नौसेना और वायुसेना में सेवा कर चुके हैं या कर रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर अब तक जिले के 89 वीर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। इसके अतिरिक्त, जिले में कई वीरता पुरस्कार विजेता हैं, जिनमें 1 महावीर चक्र, 1 मिलिट्री क्रॉस, 3 कीर्ति चक्र, 2 वीर चक्र, 4 शौर्य चक्र, 30 सेना/नौसेना मेडल और 1 युद्ध सेवा मेडल शामिल हैं।

 

 

      गति स्मारक का निर्माण हिरावत परिवार के सहयोग से किया गया है, जो स्वर्गीय श्री भंवरलाल जी एवं संपत देवी हिरावत की स्मृति को समर्पित है। यह स्मारक एक अप्रचलित बैटल टैंक, सैनिकों की प्रतिमाएँ और भारतीय सेना द्वारा लड़े गए युद्धों की पत्थर की कलाकृतियों के साथ वीरता के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया है। इस भव्य आयोजन में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी, जिला प्रशासन, भूतपूर्व सैनिक, वीर नारियाँ एवं गणमान्य अतिथि शामिल होंगे।


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