GMCH STORIES

गठबंधन के धर्म को निभाने की अग्नि परीक्षा में क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुंदन बन कर निखरेंगे?

( Read 2332 Times)

11 Jun 24
Share |
Print This Page
गठबंधन के धर्म को निभाने की अग्नि परीक्षा में क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कुंदन बन कर निखरेंगे?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक के अपने सबसे बड़े जंबो मंत्रिपरिषद के सहयोगियों को विभागों का बंटवारा कर दिया है। मंत्रियों को विभागों के वितरण की सूची प्रधानमत्री की अनुशंसा पर राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से सोमवार शाम को जारी की गई ।

इस बार अपनी गठबन्धन की सरकार बनाने में प्रधानमंत्री मोदी को काफी कसरत करनी पड़ी है और अपने मंत्रियों के विभागों का वितरण करने में मोदी को बीस घंटे लगे है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा बीस वर्षों में पहली बार हुआ है,अन्यथा मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में इतना समय नहीं लगता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इस बार अपने बलबूते पर लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिला और प्रधानमंत्री को मोदी 03 मंत्रिपरिषद में अपने सहयोगी दलों विशेष कर टीडीपी और जनता दल यू को भी संतुष्ट करने के लिए कसरत करनी पड़ी। वैसे प्रधानमंत्री मोदी की इस बार की जंबो मंत्रिपरिषद के 71 साथियों में 60 भाजपा और 11 सहयोगी दलों के मंत्री बनाए गए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग ही अपने पास रखे हैं  तथा
रक्षा, गृह, वित्त,vविदेश, शिक्षा, रेल, सड़क, स्वास्थ्य जैसे अहम विभाग भी भाजपा के अपने साथियों के पास ही रखे है । उन्होंने मंत्रिपरिषद के गठन में भाजपा के पांच वरिष्ठ मंत्रियों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह ,सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राज मार्ग मंत्री नितिन गडकरी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अधिकांश पुराने मंत्रियों को उनके पिछले विभागों की जिम्मेदारी ही सुपुर्द की है। साथ ही गजेंद्र सिंह शेखावत और मनसुख  मंडाविया आदि के मंत्रालयों में फेरबदल भी किया है तथा अश्विनी वैष्णव जैसे मंत्री को अतिरिक्त मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी दी है। वैसे मंत्रिपरिषद के इस बार के गठन में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पुराने विश्वस्त साथियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस. जयशंकर और निर्मला सीतारमण  आदि के अलावा सबसे अधिक भरौसा अश्विनी वैष्णव पर जताया है और उन्हे सरकार का आईना कहे जाने वाले सूचना और प्रसारण मंत्रालय की विशेष जिम्मेदारी दी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को भी 2014 वाला उनका पुराना मंत्रालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण दिया गया है और धर्मेंद्र प्रधान को पिछला शिक्षा मंत्रालय का जिम्मा ही मिला है।

पूर्व मुख्यमंत्रियों में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ ग्रामीण विकास मंत्रालय का महत्वपूर्ण विभाग दिया गया है। इनके अलावा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ऊर्जा,आवास और नगरीय विकास का अहम मंत्रालय तथा असम के पूर्व मुख्य मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को बंदरगाह और जहाजरानी मंत्रालय एवं कर्नाटक के पूर्व मुख्य मंत्री एच डी कुमार स्वामी को भारी उद्योग और इस्पात मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। इनके अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली हैं

मंत्रियों के विभागों की सूची के मुताबिक देश में सड़कों का जाल बिछाने का कार्य करने वाले और  विपक्षी दलों में भी लोकप्रिय नितिन गडकरी को लगातार तीसरी बार सड़क परिवहन मंत्रालय सौंपा गया है। साथ ही उनके सहयोग के लिए उत्तराखंड के अजय टम्टा को  मंत्रिपरिषद में दिल्ली के एक मात्र नुमाइंदे हर्ष मल्होत्रा को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी हमेशा की तरह इस बार भी नई सरकार के गठन के साथ ही एक्शन में आ गए  और उन्होंने शपथ ग्रहण से पहले ही मंत्री बनने वाले सांसदों को चाय पर चर्चा के लिए अपने निवास पर बुला कर उन्हे कार्य एजेंडे का पूरा रोडमेप और क्या करना है और क्या नहीं करना है  आदि सभी बाते तफसील से समझाई है।
सोमवार को भी प्रधानमंत्री मोदी ने अपना का कार्यभार संभालने के बाद अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में  पीएम आवास योजना के अंतर्गत तीन लाख और नए घर बनाने को लेकर बड़े फैसले लिए है।

जहां तक उत्तरप्रदेश, राजस्थान और  बिहार जैसे बड़े प्रदेशों का सवाल है तो मोदी ने सबसे अधिक 11 मंत्री उत्तर प्रदेश से और 8 मंत्री बिहार से बनाए है। राजस्थान से भी उन्होंने तीन पुराने मंत्रियों भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल के साथ ही एक नए मंत्री  भागीरथ चौधरी को कृषि राज्य  मंत्री के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया है। अश्विनी वैष्णव तकनीकी रूप से भले ही उड़ीसा से राज्यसभा के सांसद है लेकिन हकीकत में वे राजस्थान के मारवाड़ अंचल के बाशिंदे ही है। भूपेंद्र यादव से हालांकि श्रम मंत्रालय का प्रभार लिया गया है लेकिन वे वन और पर्यावरण मंत्री बने रहेंगे। इसी प्रकार गजेंद्र सिंह शेखावत से जल शक्ति मंत्रालय का भारी भरकम काम लेकर उन्हे पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय का महत्व पूर्ण काम  सौंपा गया है। अर्जुन राम मेघवाल के पास पिछली बार के संस्कृति मंत्रालय को छोड़ कर कानून मंत्री का स्वतन्त्र प्रभार और संसदीय कार्य मंत्री के राज्यमंत्री का प्रभार भी रहेगा। अश्विनी वैष्णव से इस बार संचार मंत्रालय का प्रभार  ले लेकर ज्योतिरादित्य सिंधियाcको दिया गया लेकिन उन्हे रेल के साथ सूचना और प्रसारण तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का अहम प्रभार भी सौंपा गया है। राजस्थान के अजमेर के दूसरी बार के सांसद भागीरथ चौधरी  को कृषि राज्य मंत्री बनाया गया है जोकि पहले भी बाड़मेर से इस बार लोकसभा चुनाव हार गए राजस्थान के कैलाश चौशरी के पास ही था।

प्रधानंमत्री मोदी ने अपने छोटे बड़े सभी सहयोगी दलों में संतुलन रखते हुए बिहार से आए चिराग रामविलास पासवान को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, गुजरात भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल को जलशक्ति मंत्रालय, आंध्रा के राम मोहन नायडू को नागरिक उड्डयन, उत्तर पूर्व के किरेन रिजिजू को संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव हारने के बावजूद मंत्री बनाए गए रवनीत सिंह बिट्टू को अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय दिया गया है। पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे मनसुख मांडविया को श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ-साथ युवा कल्याण एवं खेल मंत्रालय का भी जिम्मा भी सौंपा गया है।

मोदी सरकार के इस तीसरे कार्यकाल में 30 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। इन सभी मंत्रियों को रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मोदी की पूर्ववर्ती सरकार की बात करें तो उसमें 26 कैबिनेट मंत्री , तीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 42 राज्य मंत्री शामिल थे।
इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ तो कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 30 पहुंच गई थी।
नियमानुसार लोकसभा के कुल 543 सदस्यों के 15 प्रतिशत के हिसाब से मंत्रिपरिषद  का आकार 80 मंत्रियों तक ही सीमित रह सकता है। इस लिहाज से प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी 8 और मंत्रियों को शामिल कर सकते है। महाराष्ट्र शिवसेना शिंदे ग्रुप के प्रफ्फुल पटेल ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार का मंत्री बनने से इंकार कर दिया इसलिए लगता है आने वाले दिनों में मोदी 03 मंत्रिपरिषद का एक छोटा विस्तार और हो सकता है।

देखना है गठबंधन के धर्म को निभाने की अग्नि परीक्षा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आने वाले समय में कैसे कुंदन बन कर निखरते है?


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : National News
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like