नई दिल्ली केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि संक्रमण को रोकने में साधारण और मामूली सावधानियां जादू का काम करती हैं। आपको बार बार हाथ अच्छी तरह धोने हैं और मुंह, नाक और कान को छूने से बचना है। इसके अलावा, सैनिटेशन और सैनिटाइजेशन पर पूरा ध्यान देना है। अपने घर में बने रहना है। इसके अलावा, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखना है। अगर उनमें कोई पुरानी बीमारी जैसे कि मधुमेह, हृदयरोग आदि है तो ऐसी स्थिति में उनमें संक्रमण आने से उनके स्वस्थ होने में काफी समय लगता है। इसलिए आप उनकीपूरी देखभाल करें।
डॉ. हर्ष वर्धन ने आज अपने चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र की 80 आरडब्ल्यूए के प्रतिनिधियों से विडियो कांफ्रेंस के जरिए कोविड-19 के दुष्प्रभाव को रोकने के प्रयासों की जानकारी देते हुए उनसे सहयोग की अपील की।
इस अवसर पर केशवपुरम जोन की उपायुक्त तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। आरडब्ल्यू के प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि वे कोविड-19 पर नियंत्रण के कार्य में पिछले 2 महीने से अधिक समय से व्यस्त रहे लेकिन वे अपने अधिकारियों के माध्यम से आप सब की कठिनाइयों और कुशलक्षेम की जानकारी लेते रहे। इस माध्यम से मुझे पता चला कि आपमें से अधिकांश लोगों ने लॉकडाउन के निर्देशों का पालन किया। आज समूचा भारत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में इस संक्रमण के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रहा है। उनकी अपील पर अब 3 सप्ताह आगे बढ़ायी गई लॉकडाउन की अवधि यह तय करेगी कि हम कितनी जल्दी इस घातक रोग से मुक्ति पा सकेंगे। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सब लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निर्देशों का बखूबी पालन करेंगे।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि कोविड-19 पर काबू पाने का इस समय कोई वैक्सीन नहीं है। विश्व के 5-6 देशों समेत भारत भी ऐसा वैक्सीन तैयार करने का प्रयास कर रहा है। जब तक हम मानवता के हित में कोई वैक्सीन तैयार नहीं कर सकते तब तक सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का सम्मिलन एक प्रभावी सोशल वैक्सीन का काम करेगा। उन्होंने कहा कि सेफ डिस्टेंस और मास्क आपको संक्रमण से बचाने में सुरक्षा चक्र का काम करते हैं।उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने आपके हाथ में, आपके मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु का एक ऐसा साधन दिया है जो आपको वायरस के खतरे से सचेत करता रहता है। इसके अलावा, सभी सावधानियों समेत जानकारियों की सूचना अपकी मुठ्ठी में रहती है। अब तक 5 करोड़ लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया है। आप भी ऐसा करें। मुझे शिकायतें मिल रही थी कि कोविड-19 के रोगियों के उपचार के महत्व के बीच गैर-कोविड रोगियों की अस्पतालों में उपेक्षा की जा रही है। मेरे मंत्रालय ने इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर यह सुनिश्चित किया है कि गैर कोविड रोगियों को इमरजेंसी में समुचित उपचार मिले और वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अग्रसक्रिय प्रभावी कदम उठाकर कोरोना के संक्रमण पर काबू पाने की प्रभावी शुरूआत की थी। इन प्रयासों के फलस्वरूप संक्रमण के 80 प्रतिशत रोगी स्वस्थ हो रहे हैं और स्वस्थ होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। देश में महाराष्ट्र में सबसे अधिक संक्रमण के रोगी है उसके बाद दिल्ली का स्थान है। हमें इस लड़ाई में कामयाब होना है। हमने समयपूर्व तैयारियां की और लॉकडाउन का पालन किया। उन्होंने सरकार की पुख्ता तैयारियों पर विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। जिन देशों ने ऐसा नहीं किया, वहां संक्रमण के मामलों की संख्या लाखों में है। हमने जनवरी माह में जांच के लिए एक प्रयोगशाला से शुरूआत की और आज हम 180 से अधिक सरकारी प्रयोगशालाओं में प्रतिदिन हजारों नमूनों की जांच कर रहे हैं। हम गंभीर प्रयास कर रहे हैं कि मई महीने में प्रतिदिन जांच की क्षमता 1 लाख तक पहुंचे। सरकार संदिग्ध लक्षण वाले लगभग8 लाख लोगों का सर्विलांस कर रही है ताकि हमारी जनता इस संक्रमण के प्रकोप में न आ सके। हम विषम से विषम स्थिति के लिए तैयार हैं और हमने इसके लिए पूरे संसाधन जुटा लिए हैं। ईश्वर न करे कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो, अगर दुर्भाग्य से ऐसा होता है तो हम इस जटिल से जटिल चुनौती से निपटने के लिए कमर कस चुके हैं।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि वे अपने क्षेत्र के सभी लोगों से संकट की इस घड़ी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क बनाए हुए हैं। यह संपर्क आने वाले समय में भी बना रहेगा और विशेष तौर पर वायरस के खतरे के इस दौर में हमारा संपर्क अधिक प्रभावी होगा। हमने मिलकर इस संकट की जड़ में जाकर इसे उखाड़ फेंकना है। हमारा लक्ष्य साझा है और हमें मिलकर दिल्ली समेत समूचे देश को इस संक्रमण की चपेट में आने से रोकना है। उन्होंने कहा कि वे आने वाले समय में वक्त निकालकर फिर आरडब्ल्यूए के माध्यम से संपर्क करेंगे। उन्होंने आरडब्ल्यूए का आह्वान किया कि वे अपनी कॉलोनी के सैंकड़ों परिवारों से विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संपर्क करें और उन्हें मामूली कारगर सावधानियों की जानकारी दें। इस संक्रमण से दहशत नहीं फैलने दें और अफवाहों से बचें। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि हमारे कुशल डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी संक्रमण ग्रस्त लोगों का जीवन बचाने का संघर्ष कर रहे हैं। हमें उनके जीवन की भी रक्षा करनी है और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति उनके साथ दुर्व्यवहार और उन पर आघात न कर सकें।