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प्रो. चांसलर प्रो. अमरीका सिंह की 6 दिवसीय वेस्ट अफ्रीका यात्रा, अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग पर हुई चर्चा

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28 Jun 24
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प्रो. चांसलर प्रो. अमरीका सिंह की 6 दिवसीय वेस्ट अफ्रीका यात्रा, अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग पर हुई चर्चा
 
 
**वैश्विक मंच पर निम्स विश्वविद्यालय की अकादमिक उत्कृष्टता ने अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा समुदाय को प्रभावित किया**
 
**निम्स दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के स्वर्णिम अवसर उपलब्ध करा रहा है**
 
**उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीय रोडमैप के साथ निम्स आगे बढ़ रहा है: प्रोफेसर अमरीका सिंह, प्रो. चांसलर**
 
जयपुर,  निम्स विश्वविद्यालय के प्रो. चांसलर, प्रो. अमरीका सिंह ने 23 से 28 जून तक बेनिन और टोगो, वेस्ट अफ्रीका में आयोजित 6 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय बैठक में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन MARS द्वारा किया गया था, जिसका उद्देश्य वैश्विक शिक्षा समुदाय को एक मंच पर लाना था। विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मंडलों और शिक्षा क्षेत्र के नेताओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
 

इस कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक सहयोग और साझेदारी, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, उच्च शिक्षा में निवेश को बढ़ावा देना, और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षिक नीतियों का सफल क्रियान्वयन सहित कई विषयों पर चर्चा हुई। प्रो. सिंह ने बेनिन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और भारतीय उच्चायोग के साथ आयोजित बैठकों, कार्यशालाओं और मंचों पर भारत में उच्च शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य पर गहन विचार-विमर्श किया। इन चर्चाओं में स्थानीय उद्यमी, उद्योग जगत के नेता, और सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।
 

प्रो. सिंह ने अफ्रीका के विभिन्न उच्च संस्थानों और विश्वविद्यालयों का दौरा किया और स्थानीय शिक्षाविदों, उद्योग प्रतिनिधियों, और सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने भारत में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण की संभावनाओं, वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की और अपने सुझाव प्रस्तुत किए। प्रो. सिंह ने निम्स विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अकादमिक पाठ्यक्रमों, एमओयू और शैक्षिक सहयोग के बारे में अफ्रीकी प्रतिनिधियों को अवगत कराया। व्यापक चर्चा अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक आदान-प्रदान, नवाचार, वैश्विक शोध और विकास के नए अवसरों पर केंद्रित रही।

 
यह बैठक दो देशों के उच्च शिक्षा संबंधों को मजबूत और गति देने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण रही। वैश्विक मंच पर चर्चा के दौरान प्रो. अमरीका सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा में अंतरराष्ट्रीय साझेदारी देशों के बीच मजबूत अंतर्संबंधों के विकास और पारस्परिक निर्भरता, तथा बढ़ते आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक एकीकरण को बढ़ावा देती है। उन्होंने बताया कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) - 2020 के अनुरूप, उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय विकास भारत की भविष्य की उन्नति और शैक्षणिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, बल्कि वैश्विक संदर्भ में विद्यार्थी भी सशक्त होंगे और उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीय मंच पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे।
 
प्रो. सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग भारतीय विद्यार्थियों को विश्व स्तरीय शिक्षा और असीमित अनुसंधान अवसर सुलभ कराएगा, जिससे उन्हें अन्य देशों के शैक्षणिक, सांस्कृतिक और सामाजिक अंतर को पाटने में मदद मिलेगी। इससे विद्यार्थियों को नए विचारों से अवगत होने और देश की संभावित सांस्कृतिक क्षमता को बढ़ाने के नए अवसर प्राप्त होंगे। आज दुनिया को एक ऐसी अंतर्राष्ट्रीयकृत शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जो अपेक्षित सुधारों के साथ सकारात्मक बदलाव ला सके। बेहतर शैक्षणिक गुणवत्ता के साथ अंतरराष्ट्रीय छात्र नामांकन में वृद्धि की जा सकती है। नई शिक्षा नीति में कई अपेक्षित सुधार किए गए हैं, जिनका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों को सही दक्षताओं और क्षमताओं से लैस करना है, जिससे एक सक्षम और पुनर्जीवित शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो सके। यह नीति अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए भारत को एक शीर्ष स्तरीय अध्ययन स्थल के रूप में विकसित करेगी, जिससे भारत की विश्व गुरु के रूप में स्थिति फिर से स्थापित हो सके।
 

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